सार

सरकार ने एलआईसी के शेयरों का इश्यू प्राइस 949 तय किया गया है। जो आईपीओ प्राइस  बैंड के ऊपरी छोर पर है, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 20,557 करोड़ प्राप्त हुए है।

बिजनेस डेस्क। एलआईसी आईपीओ के बाद कल यानी मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड होगा, जिसे इश्यू साइज से लगभग तीन गुना अधिक अभिदान मिला था। सरकार ने एलआईसी के शेयरों का इश्यू प्राइस 949 तय किया गया है। जो आईपीओ प्राइस  बैंड के ऊपरी छोर पर है, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 20,557 करोड़ प्राप्त हुए है। बाजार जानकारों के अनुसार एलआईसी के शेयर आज ग्रे मार्केट में 19 रुपए की छूट पर कारोबार कर रहे हैं। ग्रे मार्केट के संकेतों के अनुसार एलआईसी का स्टॉक डिस्काउंट के साथ लिस्ट  सकता है।

डिस्काउंट पर लिस्ट हो सकता है शेयर
जानकारों की मानें तो बाजार में मंदी के कारण आकर्षक मूल्य मूल्यांकन के बावजूद कंपनी को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली। मौजूदा सेंटीमेंट डिस्काउंट लिस्टिंग की ओर संकेत कर रहा है हालांकि, यदि बाजार के सेंटीमेंट स्टेबल हो जाते हैं या लिस्टिंग होने तक सुधार होता है, तो हम पॉजिटिव प्रभाव देख सकते हैं। जहां तक लिस्टिंग लाभ का संबंध है, उन्हें अपनी उम्मीदों को सीमित करना चाहिए।

किसको कितनी मिली छूट
बीमा दिग्गज की प्रारंभिक शेयर बिक्री 9 मई को बंद हुई और 12 मई को बोली लगाने वालों को शेयर आवंटित किए गए। सरकार ने आईपीओ के माध्यम से 22.13 करोड़ से अधिक शेयर या राज्य द्वारा संचालित बीमाकर्ता में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी 902-949 रुपए प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर बेची है। एलआईसी के खुदरा निवेशकों और पात्र कर्मचारियों को इश्यू मूल्य पर 45 रुपए प्रति इक्विटी शेयर की छूट की पेशकश की गई, जबकि पॉलिसीधारकों को 60 रुपए प्रति शेयर की छूट मिली। एलआईसी पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को क्रमश: 889 रुपए और 904 रुपए प्रति पीस की कीमत पर शेयर मिले हैं।

3 गुना मिला सब्सक्रिप्शन
एलआईसी आईपीओ लगभग 3 गुना सदस्यता के साथ बंद हुआ, मुख्य रूप से खुदरा और संस्थागत खरीदारों द्वारा खरीदा गया है, लेकिन विदेशी निवेशकों की भागीदारी मौन रही। सरकार ने ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से जीवन बीमा फर्म में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी को कम किया है। इसने बाजार की उथल-पुथल के कारण पहले तय किए गए इश्यू साइज को 5 फीसदी से कम कर दिया। 17 मई को कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होगी।