सार

सामान्य शब्दों में कहा जाए तो पीएफ स्कीम (Provident Fund Account) के तहत कर्मचारी के मंथली इनकम से एक छोटा सा अमाउंट पीएफ खाते में हर महीने जमा किया जाता है। यही अमाउंट रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की बड़ी पूंजी बन जाता है।
 

What Is PF Accounts. प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ स्कीम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को मौका देता है कि वे अपने रिटायरमेंट के लिए अच्छी-खासी रकम जमा कर सकें, जो उन्हें बाद में काम आएगा। कर्मचारी के खाते से हर महीने एक निश्चित धनराशि पीएफ खाते में जमा होती है, जिसे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी द्वारा निकाला जा सकता है। यह 3 प्रकार का होता है। आमतौर पर लोग ईपीएफ, पीपीएफ और जीपीएफ को लेकर कन्फ्यूज होते हैं लेकिन हम आपको इनका अंतर बता रहे हैं। साथ ही यह भी बातएंगे कि यह किस तरह से कर्मचारियों के लिए लाभकारी हैं।

पहले तीनों पीएफ खातों का अंतर समझें
पीएफ अकाउंट पर हर वित्त वर्ष के लिए सालाना ब्याज दर तय की जाती है। जबकि पीपीएफ के हर तिमाही ब्याज दर तय की जाती है। वहीं ईपीएफ की ब्याज दर को तय करने की जिम्मेदारी ईपीएफओ तय करता है। इसकी मंजूरी वित्त मंत्रालय द्वारा ली जाती है। पीपीएफ सरकार की छोटी बचत योजनाओं के तहत आने वाली स्कीम है। इसलिए हर तिमाही आधार पर इसके ब्याज में बदलाव होता रहता है। जबकि जनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है।

क्या होता है ईपीएफ
कर्मचारी भविष्य निधि यानि इंप्लायी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) पूरी तरह से निवेश योजना है। हर नौकरीपेशा कर्मचारी के लिए यह स्कीम होती है और उनके खाते से हर महीने छोटी रकम जमा होती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सभी ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स के अंशदान की सुरक्षा करता है। ईपीएफ सरकारी और गैर सरकारी सभी तरह के कर्मचारियों के लिए इंवेस्टमेंट स्कीम है। नियमानुसार जिस कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी हैं, उनका ईपीएफओ रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। ईपीएफ की राशि हर कर्मचारी की सैलरी से काटी जाती है जो कि बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत होता है। 12 फीसदी कंपनी भी जमा करती है। इसमें से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी के ईपीएस खाते में और बाकी का 3.67 प्रतिशत ईपीएफ में जमा होता है। इसी ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत ब्याज मिलता है।

क्या होता है जीपीएफ
जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। हर सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का एक हिस्सा योगदान के तौर पर देकर जीपीएफ का मेंबर बनता है। इस फंड में जमा राशि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को दी जाती है। जीपीएप पर 7.9 प्रतिशत ब्याज मिलता है। कर्मचारी के रिटायरमेंट के 3 महीने बाद उसका जीपीएफ खाता क्लोज कर दिया जाता है। सरकारी कर्मचारी को यह सुविधा होती है कि वे इस पर लोन भी ले सकते हैं और इस पर कोई ब्याज भी नहीं देना होता। हालांकि लोन की यह राशि ईएमआई के तौर पर चुकानी होती है। सरकारी कर्मचारी बर्खास्त होते हैं तो जीपीएफ जमा नहीं होता है।

क्या होता है पीपीएफ
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ एक तरह से छोटी सेविंग स्कीम होती है। यह खाता किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस से खोला जा सकता है। यह खाता सिर्फ कर्मचारी ही नहीं बल्कि देश का कोई भी आम नागरिक खुलवा सकता है। बच्चों के नाम पर भी पीपीएफ खाता खोल सकते हैं जिस पर 7.9 प्रतिशत का ब्याज मिलता है। पीपीएफ इंवेस्टमेंट में निवेश पर 80 सी के तहत छूट भी मिलती है। इसकी गारंटी भारत सरकार देती है और मैच्योरिटी के बाद भी कोई टैक्स नहीं देना होता है।

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