सार
देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री होने जा रही है। देश में लगभग 7.3 करोड़ उपभोक्ताओं (Gas Consumers) के पास भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) का गैस सिलेंडर कनेक्शन है। अब सवाल उठता है कि कंपनी के बिकने के बाद भी क्या इन उपभोक्ताओं की गैस सब्सिडी (Subsidy) जारी रहेगी।
बिजनेस डेस्क। देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री होने जा रही है। देश में लगभग 7.3 करोड़ उपभोक्ताओं (Gas Consumers) के पास भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) का गैस सिलेंडर कनेक्शन है। अब सवाल उठता है कि कंपनी के बिकने के बाद भी क्या इन उपभोक्ताओं की गैस सब्सिडी (Subsidy) जारी रहेगी। बता दें कि भारत पेट्रोलियम की बिक्री प्रक्रिया तेज हो चुकी है। इस कंपनी में नियंत्रक हिस्सेदारी के लिए 3 शुरुआती बोलियां मिली हैं।
जारी रहेगी सब्सिडी
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री से कन्ज्यूमर्स को मिलने वाली सब्सिडी पर कोई असर नहीं होगा। हर गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी फिलहाल जारी रहेगी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कुछ समय पहले ही यह साफ किया था कि गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी केंद्र सरकार देती है। इसलिए कंपनी के बिकने के बाद भी सब्सिडी उपभोक्ताओं के बैंक खाते में आती रहेगी।
कितने हैं उपभोक्ता
देश में लगभग 7.3 करोड़ उपभोक्ताओं के पास भारत पेट्रोलियम का गैस सिलेंडर कनेक्शन है। भारत पेट्रेलियम के एक सीनियर ऑफिशियल ने हाल में कहा कि कंपनी के नए मालिक को अधिग्रहण के 3 साल के बाद यह निर्णय लेने का अधिकार होगा कि वह सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की बिक्री जारी रखना चाहता है या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकारी सब्सिडी को जारी रखने के लिए इस अवधि में भारत पेट्रोलियम के एलपीजी उपभोक्ताओं को एक नई यूनिट में ट्रांसफर किया जाएगा।
कितनी मिलती है सब्सिडी
उल्लेखनीय है कि सरकार एक साल में हर परिवार को 14.2 किलोग्राम वाले 12 रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराती है। दिसंबर माह के लिए प्रति सिलेंडर पर सब्सिडी लगभग 50 रुपए है। इस सब्सिडी का भुगतान उपभोक्ता के बैंक अकाउंट में किया जाता है।
कौन-कौन कपंनियां हैं होड़ में
सरकार को भारत पेट्रोलियम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3 शुरुआती बोलियां मिली हैं। भारत पेट्रोलियम देश की दूसरी सबसे बड़ी ईंधन कंपनी है, जिसमें सरकार अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल में बताया कि इसके लिए वेदांता (Vedanta) सहित 3 कंपनियों ने प्रारंभिक अभिरुचि पत्र (EoI) दाखिल किया है।वेदांता के अलावा अन्य 2 बिडर्स ग्लोबल फंड हैं। इन कंपनियों में एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट (Apollo Global Management) है। इसके लिए अभिरुचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 16 नवंबर थी। पहले इस होड़ में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और सऊदी अरामको (Saudi Aramco) जैसी कंपनियों के भी शामिल होने का अनुमान था, लेकिन इन कंपनियां ने अभिरुचि नहीं दिखाई।