सार
पिछले कुछ सालों में युवाओं में लाइफ इन्श्योरेंस की पॉलिसी खरीदने का चलन बढ़ा है। खास बात ये है कि युवा लाइफ इन्श्योरेंस टैक्स बचाने के लिए नहीं, सेविंग्स के मकसद से खरीद रहे हैं।
नई दिल्ली। लाइफ इन्श्योरेंस की पॉलिसी खरीदना शुरू से ही फायदे का सौदा माना जाता रहा है। खास बात यह है कि इसमें निवेश किए गए पैसे की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होती। पिछले कुछ वर्षों से युवाओं में भी लाइफ इन्श्योरेंस में पैसा लगाने का क्रेज बढ़ा है। खास बात यह है कि युवा लाइफ इन्श्योरेंस की पॉलिसी टैक्स बचाने के लिए नहीं, बल्कि सेविंग्स के लिए खरीद रहे हैं। यहां जानते हैं कितना फायदे का सौदा है लाइफ इन्श्योरेंस में निवेश करना या कहीं और भी निवेश कर ज्यादा फायदा लिया जा सकता है।
सुरक्षा के लिए जरूरी है लाइफ इन्श्योरेंस
लाइफ इन्श्योरेंस किसी व्यक्ति और उसके परिवार को सुरक्षा देता है। यह एक सेफ्टी कवर है। इसका मकसद ही है कि आपके न रहने पर परिवार को आर्थिक सुरक्षा देना। इसलिए यहां सबसे अहम बात यह है कि आप कौन-सा इन्श्योरेंस प्लान ले रहे हैं। लाइफ इन्श्योरेंस लेना तब जरूरी होता है जब कोई आप पर निर्भर हो। इसके लिए प्रोटेक्शन प्लान लेना चाहिए। लेकिन अगर आप बचत करना चाहते हैं तो आपके पास टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड स्कीम या पीपीएफ में निवेश करने के बेहतर ऑप्शन उपलब्ध हैं।
इन्श्योरेंस लेना ही है तो कब और कौन सा लें?
अगर आप लाइफ इन्श्योरेंस लेना ही चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप टर्म प्लान लें। हालांकि, भारत में आम निवेशक टर्म प्लान को उतनी अहमियत नहीं देते, लेकिन अगर आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो टर्म प्लान सबसे बेहतर कॉस्ट एफिशिएंट प्रोटेक्शन प्लान है। इसमें आपको कम प्रीमियम भरना होता है और आपकी फैमिली को प्रोटेक्शन भी मिलता है।
कब लें टर्म प्लान
टर्म प्लान आपको तभी लेना चाहिए, जब आप पर कोई निर्भर हो। लेकिन परिवार बनते ही आपको टर्म प्लान ले लेना चाहिए, क्योंकि आप प्लान लेने में जितनी देर करेंगे, आपको उतना ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ेगा। टर्म प्लान जितनी कम उम्र में लिया जाए, उतना कॉस्ट एफिशिएंट होता है। जहां लाइफ इन्श्योरेंस में आपको ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ता है, वहीं टर्म प्लान में आपको उसकी तुलना में बहुत कम प्रीमियम भरना होगा। टर्म प्लान अगर आपने कम उम्र में नहीं लिया तो एक खास उम्र के बाद आपको कुछ मेडिकल टेस्ट्स भी गुजरना पड़ेगा।
ज्यादा उम्र हो जाने पर होगी दिक्कत
फाइनेंशियल कंपनियां ज्यादा उम्र हो जाने पर इन्श्योरेंस कवर देने में हिचकिचाती हैं, क्योंकि आपके पास प्रीमियम भरने का वक्त कम होता है। ऐसे में अगर तयशुदा वक्त में आप प्रीमियम भले ही पूरा न कर पाएं, कंपनियों को आपको आपका कवर चुकाना होता है।