सार
यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत किए जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि होने के साथ रोजगार परक कौशल विकसित हो सके। अभी विद्यार्थी जिस कॉलेज में दाखिला लेगा उसमें पढ़ाए जाने वाले विषयों में से पसंद के विषय का चयन कर पढ़ाई कर सकेगा।
भोपाल. देश में नई शिक्षा नीति (New education policy) लागू होने के बाद अब एजुकेशन पैटर्न (Education pattern) में बदलाव किया जा रहा है। मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) स्नातक स्तरीय (Graduate level) में बडे़ बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कई बार बैठक हो चुकी हैं। अब यहां स्टूडेंट अपने स्ट्रीम के अलावा अपने किसी एक फंवरेट सब्जेक्ट को पढ़ सकेंगे। अगर आर्ट्स का स्टूडेंट साइंस स्ट्रीम के किसी एक सब्जेक्ट का पढ़ना चाहता है तो पढ़ सकता है।
मध्यप्रदेश में नए सत्र में 2021-22 से क्रेडिट सिस्टम लागू होगा। छात्र के सामने बीए, बीएससीए, बीकॉम, पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न संकाय के अंतर्गत तय विषयों के समूह को लेकर पढ़ाई करने की बाध्यता खत्म होगी। वे मूल विषयों के साथ मनपसंद विषय लेकर पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए आगामी वर्षों में कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज में अपग्रेड किया जाएगा, इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार होगा।
होंगे ये बदलाव
मूल विषय: पहले और दूसरे वर्ष में दो मूल विषय (कोर सब्जेक्ट) और अंतिम वर्ष में तीनों कोर विषय पढ़ने होंगे। अभी संबंधित संकाय से तीन कोर विषय लेना होता है। कोई छात्र
बीएससी करता है, तो तीनों विषय विज्ञान संकाय के होते हैं।
वैकल्पिक विषय: पहले और दूसरे वर्ष में दो मूल विषय के साथ तीसरा विषय कॉलेज में उपलब्ध मूल विषय से संबंधित संकाय या अन्य संकाय से जुड़ा एक विषय अपनी पसंद का पढ़ सकेगा। यानी अब कोई छात्र बीए करता है तो दो कोर विषय कला संकाय से और तीसरा विषय विज्ञान और वाणिज्य संकाय से जुड़ा ले सकेगा।
समय नहीं होगा बर्बाद
नई व्यवस्था के तहत विद्यार्थी किसी कारण से पढ़ाई छोड़ देता है तो उसने जितने समय पढ़ाई की है वह बर्बाद नहीं जाएगा। मल्टीपल एंट्री व एक्जिट नीति लागू की जाएगी। इसमें एक साल की पढ़ाई करने पर उसे सर्टीफिकेट,डिप्लोमा दिए जाएंगे। भविष्य में वह स्नातक की पढ़ाई पूरी करना चाहता हैं, तो उसे वहीं से पढ़ाई का मौका दिया जाएगा, जहां से पढ़ाई छोड़ी थी।