सार
ओडिशा: बोण्डा एक अत्यंत ही पिछड़ा आदिवासी समुदाय है। इस समुदाय में स्कूल की दहलीज तक पहुँचने वाले लोग कम ही देखने को मिलते हैं। आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक रूप से यह समुदाय बहुत ही कमजोर है। लेकिन इसी समुदाय के 19 वर्षीय युवक मंगल मुदुली ने NEET परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया है। NEET परीक्षा पास करने वाले बोण्डा आदिवासी समुदाय के पहले व्यक्ति बनकर मंगल ने मिसाल कायम की है।
मलकानगिरी जिले में बोण्डा आदिवासी समुदाय के लोग अधिक संख्या में रहते हैं। इसी समुदाय के मंगल मुदुली पढ़ाई में हमेशा से आगे रहे। पढ़ाई में दूसरे छात्रों से बेहतर अंक लाते थे। ऐसे में स्कूल के शिक्षक की सलाह पर मंगल ने NEET की तैयारी शुरू कर दी। शैक्षणिक योग्यता और पात्रता के आधार पर केंद्र सरकार ने मंगल की कोचिंग के लिए आर्थिक मदद की। बालेश्वर के कोचिंग सेंटर की 1.2 लाख रुपये की फीस केंद्र सरकार ने माफ कर दी।
कड़ी मेहनत कर मंगल ने NEET परीक्षा पास कर ली है। आदिवासी समुदाय में मंगल ने 261 वीं रैंक हासिल की है। अब मंगल बेरहामपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से MBBS की पढ़ाई करेंगे। मंगल का सपना बोण्डा समुदाय का पहला डॉक्टर बनने का है।
NEET परीक्षा पास करने पर खुशी जाहिर करते हुए मंगल ने कहा कि कड़ी मेहनत से MBBS की पढ़ाई पूरी कर अच्छे अंको से पास होंगे। पहले ही प्रयास में NEET परीक्षा पास कर बहुत अच्छा लग रहा है। मेरी इस सफलता का श्रेय मेरे परिवार और मेरे शिक्षक दास सर को जाता है। मेरे परिवार और समुदाय में आज तक कोई कॉलेज नहीं गया है। लेकिन मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया। हौसला बढ़ाया। साथ ही शिक्षकों के मार्गदर्शन से यह संभव हो पाया है।
वहीं मंगल के शिक्षक उत्कल केशरी दास ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मंगल पढ़ाई में हमेशा से होशियार था। इसलिए मैंने उसे NEET की तैयारी करने की सलाह दी थी। केंद्र सरकार ने उसकी कोचिंग फीस माफ कर दी थी। इससे भी मंगल को काफी मदद मिली। मुझे विश्वास है कि मंगल आगे भी इसी तरह सफलता हासिल करता रहेगा।