डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली। 78 साल की उम्र में वो अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए हैं। उनके दूसरे कार्यकाल से दुनिया भर में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
US 47th President oath: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में इतिहास रचने जा रहे हैं। 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद वह दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के मुखिया बन जाएंगे। राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी दूसरी पारी है। ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिका के भविष्य को किस दिशा में ले जाएगा, यह वक्त तय करेगा लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल से जुड़े प्रमुख प्वाइंट्स इस प्रकार हैं...
दूसरी बार सत्ता में वापसी करने वाले दूसरे राष्ट्रपति: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद दूसरे राष्ट्रपति बने, जिन्होंने व्हाइट हाउस से बाहर होने के बाद फिर से राष्ट्रपति पद पर वापसी की।
सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति: 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप जो बाइडन को हटाकर अमेरिका के इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बने।
ठंड ने बदला शपथ ग्रहण का स्थान: अमेरिका के ठंडे मौसम ने शपथ ग्रहण समारोह को कैपिटल के बाहर से अंदर स्थानांतरित कर दिया। यह समारोह कैपिटल की भव्य रोटुंडा के अंदर आयोजित हुआ।
पहले दिन से बड़े फैसले: ट्रंप ने कहा कि वह पद संभालते ही 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिनमें जो बाइडन प्रशासन की नीतियों को पलटने से लेकर कई विवादित फैसले शामिल हैं।
रेपब्लिकन पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ वापसी: ट्रंप की पार्टी ने प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, जिससे उनके फैसलों को लागू करने में कोई बाधा नहीं होगी।
टेक इंडस्ट्री और ट्रंप का समर्थन: टेक उद्योग के दिग्गज जैसे एलन मस्क, जेफ बेजोस, और मार्क जुकरबर्ग ने ट्रंप के साथ अपने संबंध मजबूत करने का प्रयास किया है। शपथ ग्रहण में सैम ऑल्टमैन, सुंदर पिचाई, सत्य नडेला और टिम कुक जैसे बड़े नाम शामिल हुए।
वैश्विक चिंता और रणनीतिक अस्थिरता: डोनाल्ड ट्रंप की वापसी ने अमेरिका और दुनिया भर में नए राजनीतिक और आर्थिक समीकरणों को जन्म दिया है। वापसी ने वैश्विक राजनीति और व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितता बढ़ा दी है। यूरोपीय देशों ने अमेरिका पर प्रभुत्व जमाने के प्रयासों का विरोध किया है।
बिटकॉइन और अर्थव्यवस्था में उछाल: ट्रंप के कार्यकाल में क्रिप्टोकरेंसी, विशेष रूप से बिटकॉइन, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। ट्रंप की नीतियों ने अमेरिकी डॉलर को भी मजबूती दी।
मध्य पूर्व और नाटो पर नई नीतियां: ट्रंप ने मध्य पूर्व और नाटो फंडिंग में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है।
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