सार

कोच्चि की 10वीं की छात्रा श्रेया रतीश के चित्र अब केरल की प्राथमिक कक्षाओं की एनसीईआरटी किताबों में जगह पाएंगे। जानिए कैसे इस युवा कलाकार ने यह उपलब्धि हासिल की।

कोच्चि की टोक एच पब्लिक स्कूल की कक्षा 10 की छात्रा श्रेया रतीश का नाम आज हर तरफ चर्चा में है। और हो भी क्यों न? उनकी खूबसूरत चित्रकारी अब केरल के प्राथमिक कक्षाओं की एनसीईआरटी किताबों में नजर आएगी। तितलियों, छोटे बकरी के बच्चे, खरगोशों, फूलों और नीले आसमान के रंगीन चित्र अब बच्चों की किताबों की शोभा बढ़ाने वाले हैं।

कैसे मिला श्रेया को यह मौका?

श्रेया के पिता रतीश रवि एक जाने-माने कार्टूनिस्ट हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह प्रोजेक्ट पहले रतीश को ही मिला था। पासवर्ड नामक एक बड़े प्रकाशन ने रतीश को इन किताबों के लिए चित्र बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन व्यस्त शेड्यूल के चलते वे इसे नहीं कर पाए। तब प्रकाशन ने अन्य कलाकारों से संपर्क किया, लेकिन कोई उपयुक्त कलाकार नहीं मिला। यहीं श्रेया की कला ने सबका ध्यान खींचा। श्रेया ने बचपन से ही चित्रकारी की रुचि दिखाई है और टैबलेट पर डिजिटल आर्ट भी करना जानती हैं।

परिवार के साथ मिलकर किया पूरा प्रोजेक्ट

जैसे ही श्रेया ने इस काम को स्वीकारा, उनके घर में ड्रॉइंग का मानो उत्सव शुरू हो गया। गर्मियों की छुट्टियों में उनकी बहन वर्षा ने भी उनका साथ दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और सभी चित्र समय पर प्रकाशन को सौंप दिए गए। जब सभी चित्र प्रकाशन कंपनी को भेजे गए, तो वे भी श्रेया के काम से बहुत खुश भी हुए। जब श्रेया से भविष्य में उनके सपनों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वह कार्टून और एनिमेशन के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। अब वह बेसब्री से उस पल का इंतजार कर रही हैं जब उनके छोटे सहपाठी उनकी बनाई किताबों को पढ़ेंगे। श्रेया की कहानी साबित करती है कि उम्र छोटी हो सकती है, लेकिन हुनर किसी को भी पहचान दिला सकता है।

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