सार
आईआईटी गुवाहाटी जैसे संस्थानों को सामाजिक भलाई के लिए नवाचार का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर (सीएनटी) का उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करना और नैनो टेक्नोलॉजी में उद्योग के साथ अकादमिक साझेदारी को बढ़ाना है।
करियर डेस्क. केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने रविवार को आईआईटी, गुवाहाटी (IIT Guwahati) का दौरा किया तथा संस्थान में अत्याधुनिक नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र (Nano Technology) और भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र (Indian Knowledge System) के साथ-साथ दो छात्रावासों का उद्घाटन किया। उन्होंने संस्थान में एनईपी 2020 के कार्यान्वयन पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया। प्रधान ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय रैंकिंग प्रणालियों में उत्कृष्ट रैंकिंग प्राप्त करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी को बधाई दी और अनुसंधान तथा शिक्षा के लिए एक वातावरण बनाने के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आईआईटी, गुवाहाटी के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी, गुवाहाटी को आपदा प्रबंधन, जैव विविधता आधारित अनुसंधान, हरित ऊर्जा विकास, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने एवं छात्रों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने संस्थान से जुड़े छात्रों और शिक्षकों से समाधान-केंद्रित नवाचार का एक जीवंत प्रणाली तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी तथा ज्ञान के बीच तालमेल बिठाने का भी आह्वान किया।
आपस में जुड़ी दुनिया के इस युग में, आईआईटी, गुवाहाटी का नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र में स्वास्थ्य देखभाल, नैनो-जैव-सामग्री, सूक्ष्म/नैनो इलेक्ट्रॉनिक्सऔर ऊर्जा के क्षेत्रों में बहु-विषयक अनुसंधान एवं शिक्षा में प्रगति के लिए कई सीओई, इनक्यूबेटर तथा अत्याधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2020 में दीक्षांत समारोह में अपने भाषण में आईआईटी गुवाहाटी को भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए एक केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्राचीन और पारंपरिक भारतीय ज्ञान के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और साझा करने के उद्देश्य से इसे काफी कम समय में स्थापित किया गया है।
क्या है नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर का उद्देश्य
उन्होंने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी जैसे संस्थानों को सामाजिक भलाई के लिए नवाचार का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर (सीएनटी) का उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करना और नैनो टेक्नोलॉजी में उद्योग के साथ अकादमिक साझेदारी को बढ़ाना है। इस केंद्र के लिए मुख्य वित्तीय सहायताभारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्राप्त की गई थी, जिसमें उपकरण के अलावा भवन के लिए 37 करोड़रु पए शामिल हैं। इसमें 25 उन्नत प्रयोगशालाएं शामिल होंगी, जो बहु-विषयक, वैज्ञानिक और सार्थक अनुसंधान में प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
यह अत्याधुनिक निर्माण, विशेषताओं और परीक्षण प्रयोगशालाओं के साथ एकीकृत 100 स्वच्छ कमरे की सुविधाओं से लैस है। सीएनटी वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा प्रायोजित दो विशिष्टता केंद्रों के साथ-साथ भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी)द्वारा प्रायोजित एक इनक्यूबेटर बायोनेस्ट को भी स्थान प्रदान करता है। इस प्रकार सीएनटी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल का एक अच्छा उदाहरण है। सेंटर फॉर नैनोटेक्नोलॉजी से अपेक्षित प्रमुख परिणामों में नैनो-सक्षम स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा संचयनऔर एलईडी प्रोटोटाइप, उपकरण और प्रौद्योगिकियां, स्टार्ट-अप/ इनक्यूबेशन प्रणाली, अत्याधुनिक आरएंडडी आउटपुट, नैनोफाइब्रिकेशन और नैनोइलेक्ट्रॉनिक, आदि के क्षेत्र में अत्यधिक कुशल कामगारोंका क्षमता निर्माण शामिल हैं।
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