सार

प्रौद्योगिकी और वित्त यानी टेक्नोलॉजी एंड फाइनेंस के बीच के गैप को कैसे दूर किया जाए, इस बारे में आईआईटी मद्रास ने शानदार कोर्स लॉन्च कर बढ़िया कदम उठाया है। इस कोर्स की पहली क्लास 20 जनवरी 2023 से लगेगी और इसमें 25 छात्र सेलेक्ट होंगे। 

करियर डेस्क। आईआईटी मद्रास (IIT Madras) ने नया ड्युअल डिग्री प्रोग्राम लॉन्च किया है। यह ब्रांड न्यूज इंटरडिप्लेनिरी ड्युअल डिग्री यानी आईडीडीडी प्रोग्राम क्वान्टेटिव फाइनेंस में है। यह बीटेक करने वाले उन छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगा जिन्हे संयुक्त रूप से मैनेजमेंट स्टडी, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग तथा मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट के साथ-साथ दोहरी डिग्री चाहिए। 

आईआईटी मद्रास के सभी ग्रेजुएट इंजीनियरिंग स्टूडेंट क्वान्टेटिव फाइनेंस यानी मात्रात्मक वित्त पाठ्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। पहले से जिन स्टूडेंट का एनरॉलमेंट हो चुका है, उनके पास छठें सेमेंस्टर में आईडीडीडी प्रोग्राम शुरू करने का विकल्प रहेगा। इस कोर्स में आईआईटी मद्रास 25 स्टूडेंट्स को एनरॉल करेगा और पहली क्लास 20 जनवरी 2023 से स्टार्ट होगी। 

आइए जानते हैं क्या है ये ड्युअल डिग्री कोर्स और इसकी खासियत-  

  • इस सिलेबस को लाने का मकसद समकालीन उत्पादों और प्रौद्योगिकी यानी टेक्नोलॉजी के साथ-साथ एडवांस्ड फाइनेंस के इस्तेमाल को लेकर आने वाली दिक्कतें दूर की जा सकें। साथ ही छात्रों को फाइनेंस फील्ड में प्रगति के नए अवसर मिलें और वे आसानी से इस पर आगे बढ़ सकें। 
  • यह सिलेबस थ्योरी रीजनिंग यानी और क्वान्टेटिव फाइनेंस के दृष्टिकोण से बड़ा है। 
  • वहीं, यह पाठ्यक्रम इस मायने में भी अलग है कि यह प्रोद्यौगिकी वित्त को जोड़ने के लिए एक पुल की तरह काम करता है। इससे छात्रों को बैंकिंग और फाइनेंस फील्ड के डिजिटाइजेशन में योगदान की सुविधा और अनुमति मिलेगी। 
  • यही नहीं, यह सिलेबस छात्रों को नए डाटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के दृष्टिकोण से भी रूबरू कराता है और ये सिर्फ क्वान्टेटिव फाइनेंस में इस्तेमाल होते हैं। 
  • इसे करते हुए ग्रेजुएशन करने वाले छात्र फिनटेक फर्म, फाइनेंस में मध्यस्थ की भूमिका निभाने और मैनेजमेंट में आकर्षक संभावनाओं का लाभ ले सकेंगे। 
  • यह ट्रेनिंग प्रोग्राम स्टार्ट-अप आइडिया को भी बढ़ाएगा। इस फील्ड में स्टार्ट-अप की इच्छा रखने वाले कारोबारियों को वित्तीय समाधान में अच्छी मदद मिलेगी। 
  • इसके साथ ही यह सिलेबस परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण और गणितीय मॉडल में भी एक्सपर्ट बनाने में मददगार होगा। 
  • इस कोर्स के आने से नए वित्तीय साधनों के डिजाइन और मैनेजमेंट में आने वाले जोखिमों को दूर करने तथा इस पर और ज्यादा एडवांस्ड तरीके से समझा तथा काम किया जा सकेगा। 

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