सार
शोएब पिछले करीब ढ़ाई साल से राजस्थान के कोटा में रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और सफलता मिल गई। उनका परिवार उनकी सफलता से बेहद खुश है और उन्हें शोएब पर गर्व है।
करियर डेस्क. अगर व्यक्ति कुछ करने की ठान ले, तो उसे अपना लक्ष्य प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही उड़ीसा के राउकरेला के रहने वाले शोएब आफताब ने कर दिखाया है। शुक्रवार को नीट का परिणाम घोषित किया गया। इसमें शोएब ने 720 में से 720 अंक लाकर अपना और परिवार का नाम रोशन कर दिया।
शोएब पिछले करीब ढ़ाई साल से राजस्थान के कोटा में रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और सफलता मिल गई। उनका परिवार उनकी सफलता से बेहद खुश है और उन्हें शोएब पर गर्व है।
डॉक्टर बनने का था सपना
शोएब ने नीट में सौ फीसदी अंक लाकर डॉक्टर बनने के सपने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। नीट के टॉपर शोएब ने बताया कि वह अपने परिवार में पहला सदस्य है, जो मेडिकल की पढ़ाई करेगा। उनका बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था, जो अब अब साकार होने जा रहा है। उन्होंने साल 2018 में कोटा आकर एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन लिया।
यहां उन्हें बेस्ट कॉम्पिटिशन मिला और अपना बेस्ट देने की कोशिश की। वे कोटा में अपनी मां और छोटी बहन के साथ पीजी में रहते थे। उन्होंने इसी साल 12वीं में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। केवीपीवाई में ऑल इंडिया 37वीं रैंक और उनके 10वीं में 96.8 प्रतिशत अंक थे।
एक बार कोटा आने के बाद अब तक घर नहीं गए शोएब
शोएब अपने लक्ष्य के प्रति कितने गंभीर थे, यह इस बात से पता चलता है कि एक बार घर से कोटा आने के बाद ढाई साल तक शोएब घर नहीं गए। शोएब ने बताया कि, “कई बार जब पापा मिलने आए, तो उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के लिए घर आ जाओ, लेकिन मैं नहीं गया।
दीपावली व ईद की छुट्टियां भी थीं, लेकिन मैं कोटा में ही रहा और पढ़ाई में व्यवधान नहीं आने दिया। कोरोना काल में भी कोटा में ही रहा। लॉकडाउन में जब सब घर चले गए, तो मैं यहीं रुका। इससे मेरी तैयारी और अच्छी हो गई। मैंने सारा रिवीजन कर लिया।”