सार
दुनिया के कई देशों में रोबोट का इस्तेमाल कई कामों के लिए किया जा रहा है। यहां तक कि अब इनका इस्तेमाल जॉब के लिए इंटरव्यू लेने में भी हो रहा है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत संभव हो पा रहा है। भारत में भी एक बैंक ने इसकी शुरुआत कर दी है।
करियर डेस्क। दुनिया के कई देशों में रोबोट का इस्तेमाल कई कामों के लिए किया जा रहा है। यहां तक कि अब इनका इस्तेमाल जॉब के लिए इंटरव्यू लेने में भी हो रहा है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत संभव हो पा रहा है। भारत में भी एक बैंक ने इसकी शुरुआत कर दी है। यह प्राइवेट सेक्टर का फेडरल बैंक है। यह बैंक किसी कैंडिडेट की नियुक्ति प्रक्रिया में शुरुआती इंटरव्यू के लिए रोबोट का इस्तेमाल करेगा। यह रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस है। इसका नाम FedRecruit रखा गया है। यह पहला ऐसा रोबोट होगा जो नियुक्तियों में एचआर का सहयोग करेगा। अभी तक दूसरे बैंक अन्य कामों के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेते रहे हैं।
रोबोट कैसे करेगा काम
FedRecruit नाम का यह रोबोट कैंडिडेट्स का वर्चुअल फेस टू फेस इंटरव्यू लेगा। इसमें कई तरह के परीक्षणों के बाद कैंडिडेट्स को अंक दिए जाएंगे। रोबोट मुख्य रूप से साइकोमेट्रिक और गेम बेस्ड टेस्ट लेगा। वर्चुअल फेस टू फेस इंटरव्यू के लिए वीडियो का इस्तेमाल किया जाएगा। जब रोबोट के टेस्ट में कैंडिडेट पास हो जाएगा, उसके बाद एचआर के स्टाफ उससे अगले दौर का इंटरव्यू लेंगे और दूसरी प्रक्रियाएं पूरी करेंगे। फेडरल बैंक के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट के चीफ अजीत कुमार का कहना है कि रोबोट से कैंडिडेट के व्यक्तित्व के कई पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी।
चैटबॉक्स से भेजा जाएगा ऑफर लेटर
यही नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित चैटबॉक्स से बहाल किए गए कैंडिडेट को नौकरी का ऑफर भेजा जाएगा। चैटबॉक्स से एक स्क्रीन जुड़ी रहेगी जो कैंडिटेडट्स की अलग-अलग स्टेज पर हुई जांच के मुताबिक नियुक्ति के लिए उनका चुनाव करेगी। इसके बाद चैटबॉक्स से ही कैंडिडेट को एसएमएस और ऑफर लेटर भेजा जाएगा।
अब तक 350 प्रोबेशनरी अफसर किए गए हैं नियुक्त
फेडरल बैंक के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट के चीफ अजीत कुमार का कहना है कि अक्टूबर से 350 प्रोबेशनरी अधिकारियों की नियुक्ति कैम्पस सिलेक्शन के जरिए हुई है और दिसंबर तक 350 और अधिकारियों को नियुक्त किया जाना है। इन नियुक्तियों में रोबोट की भूमिका कारगर रही है। अजीत कुमार का कहना है कि अभी इसकी सफलता से साफ है कि आगे भी नियुक्ति में इसका इस्तेमाल किया जाएगा और नॉन कोर स्टाफ की नियुक्ति में भी रोबोट की मदद ली जाएगी।