सार

आईएएस बनना लोगों का एक ऐसा सपना होता है कि इसके लिए वे अपने अच्छे-खासे करियर को भी दांव पर लगा देते हैं। निधि पटेल पेशे से डॉक्टर थीं, लेकिन यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। 

करियर डेस्क। आईएएस बनना लोगों का एक ऐसा सपना होता है कि इसके लिए वे अपने अच्छे-खासे करियर को भी दांव पर लगा देते हैं। निधि पटेल पेशे से डॉक्टर थीं, लेकिन यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। बता दें कि निधि पटेल ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी सिर्फ 9 महीने में की और इसमें सफल रहीं। 

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में थीं कार्यरत
डॉक्टर निधि पटेल दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कलेज में स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं और सीनियर रेजिडेंट के पद पर कार्यरत थीं। मेडिकल प्रोफेशन में उनका करियर ठीकठाक चल रहा था और आगे बढ़ने की काफी गुंजाइश उनके सामने थी, लेकिन उन्होंने सिविल सर्विस में आने का मन बना लिया था।

हॉस्पिटल के दायरे से चाहती थीं निकलना
निधि पटेल बताती हैं कि डॉक्टर का पेशा कोई बुरा नहीं है। इसमें करियर बढ़िया होने के साथ-साथ लोगों की सेवा करने का मौका भी मिलता है, लेकिन वह हॉस्पिटल के दायरे से बाहर निकल कर अलग फील्ड में काम करना चाहती थीं। पहले भी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी और इसी क्षेत्र में आना चाहती थीं। 

किया नौकरी छोड़ने का फैसला
नौकरी करते हुए यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर पाना आसान नहीं था। पहले भी वे यह एग्जाम दे चुकी थीं। लेकिन तैयारी ठीक से नहीं होने से वे सफलता हासिल नहीं कर सकीं। अब उनके पास सिर्फ दो मौके ही बचे थे। निधि ने सोचा कि डॉक्टर की नौकरी करते हुए तैयारी कर पाना मुश्किल होगा। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया।

आसान नहीं था यह
आज के समय में डॉक्टर की प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ने का फैसला करना किसी के लिए आसान नहीं हो सकता है। निधि पटेल के लिए भी यह आसान नहीं था। फैमिली के लोगों और दोस्तों ने भी उन्हें अपने फैसले पर विचार करने की सलाह दी, लेकिन निधि ने तय कर लिया था कि उन्हें नौकरी छोड़नी है और पूरी तरह से यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी में लग जाना है। 

बिना किसी कोचिंग के हासिल की सफलता
नौकरी छोड़ने के बाद डॉक्टर निधि पटेल ने अपना पूरा वक्त परीक्षा की तैयारी में लगाना शुरू किया। उन्होंने कोई कोचिंग क्लास भी ज्वाइन नहीं किया और खुद से तैयारी करती रहीं। आखिर सिर्फ 9 महीने की तैयारी में उन्होंने साल 2018 में यह परीक्षा दी। उन्हें 364वीं रैंक मिली। डॉक्टर निधि का कहना है कि इस परीक्षा में सफलता के लिए विषयों की बेसिक जानकारी जरूरी है। साथ ही, जो बात सबसे ज्यादा मायने रखती है, वह है टाइम मैनेजमेंट। 

पॉजिटिव रहना जरूरी
डॉक्टर निधि का कहना है कि ज्यादा किताबें पढ़ने से कोई फायदा नहीं होता, सबसे जरूरी है कि जो विषय आपने लिया है, उस पर पूरी तरह फोकस करें और समसामयिक मुद्दों की पूरी जानकारी रखें। डॉक्टर निधि का कहना है कि हर हाल में पॉजिटिव रहने से सफलता मिल कर ही रहती है। कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। अगर कभी डिप्रेशन की स्थिति महसूस हो तो दोस्तों से मिलना-जुलना चाहिए। डॉक्टर निधि का कहना है कि अच्छी तैयारी के लिए जो पढ़ें, उसे रिवाइज करना चाहिए।