सार

हाल ही में अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर बॉलीवुड के कई स्टार्स ने दुख जताते हुए इस मामले को जोर-शोर से उठाया। करीना कपूर, करण जौहर, प्रियंका चोपड़ा समेत कई स्टार्स ने हैशटैग के साथ ब्लैक लाइव्स मैटर के जरिए अश्वेतों के आंदोलन का समर्थन किया।

मुंबई। हाल ही में अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर बॉलीवुड के कई स्टार्स ने दुख जताते हुए इस मामले को जोर-शोर से उठाया। करीना कपूर, करण जौहर, प्रियंका चोपड़ा समेत कई स्टार्स ने हैशटैग के साथ ब्लैक लाइव्स मैटर के जरिए अश्वेतों के आंदोलन का समर्थन किया। इसपर एक्टर अभय देओल ने तंज कसते हुए कहा कि पहले उन्हें अपने देश में हो रहे अन्याय के ख‍िलाफ आवाज उठानी चाहिए। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अभय ने सेलिब्रिटीज द्वारा किए जाने वाले फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों पर सवाल उठाए हैं।

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अभय ने सोशल मीडिया के जरिए लिखा, क्या आपको लगता है कि इंडियन सेलेब्रिटीज फेयरनेस क्रीम को एंडोर्स (प्रचार) करना बंद कर देंगे। इसके साथ उन्होंने भारत में इस्तेमाल किए जाने ब्यूटी प्रोडक्ट की डिमांड, खरीदारी और बिक्री का पूरा ब्योरा भी शेयर किया है। 

अभय ने लिखा, भारत में फेयरनेस क्रीम्स की उत्पत्त‍ि कुछ सालों पहले हुई है। पहले फेयरनेस क्रीम्स और अब स्किन ब्राइटन‍िंग या स्क‍िन लाइटनिंग जैसे क्रीम्स। अब तो बहुत से ब्रांड्स फेयरनेस क्रीम्स जैसे नाम से जुड़ना नहीं चाहते। तो क्या अब हम एचडी ग्लो, व्हाइट ब्यूटी, व्हाइट ग्लो, फाइन फेयरनेस जैसे ब्रांड्स बेचेंगे। इतने सालों में इन कंपनियों ने पुरुषों की ओर फोकस करना शुरू कर दिया है, जो अब फेयर एंड हैंडसम बनना चाहते हैं।

अभय ने अपनी पोस्ट पर कुछ चुनिंदा ब्रांड्स का नाम लिखते हुए इन प्रोडक्ट को बेचने वाली वेबसाइट्स का भी नाम लिया है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे ब्रांड्स को एंडोर्स करने वाली एक्ट्रेस कुबरा सैत, मसाबा गुप्ता समेत कई सेलेब्रिटीज को भी मेंशन किया है। इसके जवाब में कुबरा ने कहा कि वो आगे से ऐसा नहीं करेंगी और अपने मौजूदा कॉन्ट्रेक्ट भी खत्म करेंगी।

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इससे पहले अमेर‍िका में जॉर्ज फ्लॉयड मामले पर अभय ने एक फोटो शेयर कर लोगों का ध्यान भारत में प्रवासी मजदूरों की ओर खींचा था। उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा था- अप्रवासियों और गरीबों की जिंदगी भी मायने रखती है। कई सेलेब्स और मिडिल क्लास अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ अपनी राय रख रहे हैं तो उन्हें शायद ये भी देखना होगा कि अपने देश में क्या हो रहा है?