कोरोना वायरस की दहशत के बीच चल रहे लॉकडाउन में पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। इसमें उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। पीएम मोदी के संबोधन पर जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए निशाना साधा है।

मुंबई। कोरोना वायरस की दहशत के बीच चल रहे लॉकडाउन में पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। इसमें उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। पीएम मोदी के संबोधन पर जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए निशाना साधा है। जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा कि 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देश के लिए वाकई एक मॉरल बूस्टर है, लेकिन 33 मिनट के भाषण में एक भी शब्द गरीब मजदूरों के लिए नहीं था, जिन्हें इस समय जिंदगी जीने के लिए सबसे ज्यादा मदद की जरूरत थी। यह ठीक नहीं है। 

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जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर लोग जमकर रिएक्ट कर रहे हैं। एक शख्स ने ट्वीट करते हुए लिखा, प्रवासी मजदूरों का मुद्दा राज्यों का विषय है और ये सज्जन चाहते हैं कि मोदी इस पर बात करें। इन्हें हर रोज डॉक्टर आर्थो ऑइल अपने सिर में लगाने की जरूरत है। एक और शख्स ने लिखा, ये शादी में आए वो फूफा हैं, जिनके लिए कितना भी कर दो लेकिन नाराज ही रहते हैं।

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एक और शख्स ने कमेंट किया, ''दुर्भाग्य शायद इसे ही कहते हैं, देश का एक नामचीन लेखक और गीतकार जिसे देश ने इतना सम्मान दिया, वो अपने एजेंडे के लिए राजनीति की भाषा बोल रहा है। जब Lockdown में मजदूरों को घर भेजा जा रहा है और अन्य व्यवस्था को भी सुदृढ किया जा रहा है तो उसके बारे में बोलने का अब क्या औचित्य है।''

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एक शख्स ने जावेद अख्तर की फिल्म 'शोले' का जिक्र करते हुए कहा कि साढ़े तीन घंटे की उस फिल्म में भी कहीं एक बार भी प्रवासी मजदूरों का जिक्र नहीं था। ये ठीक नहीं है। बता दें कि जावेद अख्तर सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं। वो अक्सर समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार बेबाकी से रखते हैं।