सार

गुजरे जमाने के एक्टर संजीव कुमार की 34वीं डेथ एनिवर्सरी हैं। 6 नवंबर, 1985 को 47 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। उनके लिए कहा जाता था कि वे औरतों पर शक करते थे।

मुंबई. गुजरे जमाने के एक्टर संजीव कुमार की 34वीं डेथ एनिवर्सरी हैं। 6 नवंबर, 1985 को 47 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। संजीव ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया था। उनके लिए कहा जाता है कि वे औरतों पर शक करते थे। उनकी कई एक्ट्रेसेस से गहरी दोस्ती थी। उनके साथ एक प्रॉब्लम ये थी कि जब कभी कोई महिला उनकी तरफ आकर्षित होती या उनका अफेयर शुरू होता तो उन्हें शक होने लगता कि कहीं ये उनकी दौलत और नाम के पीछे तो ऐसा नहीं है।


नूतन ने जड़ा था थप्पड़
एक बार नूतन ने संजीव कुमार को थप्पड़ मार दिया था। दोनों फिल्म 'देवी' (1970) में साथ काम कर रहे थे। इसी दौरान नूतन और संजीव के बीच रोमांस की खबरें फैल रही थीं, जिससे नूतन की मैरिड लाइफ में प्रॉब्लम होने लगी थी। नूतन को लगा कि संजीव इस तरह की बातें फैला रहे हैं। लिहाजा, आमना-सामना होने पर उन्होंने संजीव को थप्पड़ मार दिया था।


फैमिली में 50 साल से ज्यादा नहीं जी पाया कोई
संजीव कुमार की फैमिली में कोई भी आदमी 50 साल से ज्यादा नहीं जी पाया। संजीव को भी हमेशा महसूस होता था कि वे ज्यादा नहीं जी पाएंगे। उनके छोटे भाई नकुल की मौत संजीव के पहले हो गई थी। ठीक 6 महीने बाद बड़े भाई किशोर भी नहीं रहे थे। संजीव कुमार ने भी 47 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था।


1960 में किया था डेब्यू
संजीव कुमार की पहली फिल्म 'हम हिंदुस्तानी' (1960) थी। उन्होंने कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किए और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 'निशान' (1965), 'बादल' (1966), 'शिखर' (1968), 'अनोखी रात' (1968), 'दस्तक' (1970), 'मन मंदिर' (1971), 'कोशिश' (1972), 'मनचली' (1973), 'अनामिका' (1973), 'आप की कसम' (1974), 'उलझन' (1975), 'पापी' (1977), 'त्रिशूल' (1978), 'नौकर' (1979) सहित कई फिल्मों में काम किया।