सार

सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या कोर्ट की निगरानी में गठित एसआईटी से कराने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। यह याचिका दिल्ली के एनजीओ लेट्स टॉक की ओर से भेजी गई है। एनजीओ की तरफ से दाखिल याचिका में आरुषि तलवार जैसी कई आपराधिक घटनाओं का हवाले दिया गया और सुशांत की कथित आत्महत्या और रिया चक्रवर्ती की भूमिका को सवालों के घेरे में रखा गया है। वहीं, सुशांत की बहन मीतू सिंह ने पूछताछ में कई बड़े खुलास किए हैं। मामले में भाजपा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके कहा कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी हत्या हुई है।

मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले हर दिन कोई न कोई नई बात सामने आ रही है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी सुशांत सुसाइड केस में सक्रिय भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। वकील नियुक्त करने से लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने तक, स्वामी ने सुशांत केस पर खासा जोर दिया है और सीबीआई जांच की मांग भी तेज की है। वहीं, सुशांत की मौत की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या कोर्ट की निगरानी में गठित एसआईटी से कराने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। यह याचिका दिल्ली के एनजीओ लेट्स टॉक की ओर से भेजी गई है। एनजीओ की तरफ से दाखिल याचिका में आरुषि तलवार जैसी कई आपराधिक घटनाओं का हवाले दिया गया और सुशांत की कथित आत्महत्या और रिया चक्रवर्ती की भूमिका को सवालों के घेरे में रखा गया है। वहीं, सुशांत की बहन मीतू ने पूछताछ में कई बड़े खुलास किए हैं।

 

बहन ने बताई रिया के साथ हुए झगड़े की बात 
मामले में सुशांत की बहन मीतू सिंह से पुलिस ने पूछताछ की। इसमें उसने कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस के अनुसार मीतू ने बताया कि 8 जून की शाम रिया चक्रवर्ती ने फोन करके उनको सुशांत के साथ हुए झगड़े के बारे में बताया था। इसके बाद अगले ही दिन मीतू, सुशांत के बांद्रा स्थित घर पर कुछ दिनों के लिए चली गई। मीतू ने यह भी बताया कि सुशांत ने उन्हें रिया के साथ हुई बहस के बारे में बताया था। सुशांत ने यह भी बताया था कि रिया खुद के और उनके कुछ सामान के साथ घर छोड़कर चली गई है। और शायद अब वापस लौटकर नहीं आएगी। इस बात से भाई काफी दुखी और परेशान थे।


भाई के घर पर रही 4 दिन
मीतू ने बताया- मैंने उसे समझाने की कोशिश की। मैं वहां 4 दिन रूकी। मेरे बच्चे छोटे हैं इसलिए मैं 12 जून को बांद्रा से लौटी। मैंने लौटते समय भी सुशांत को समझाने की कोशिश की। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वो ऐसा कोई कदम उठा सकता है। दो दिन बाद ही सुबह मुझे सिद्धार्थ पठानी ने फोन कर बताया कि सुशांत काफी समय से अपने बेडरूम का दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। मैं फौरन बांद्रा के लिए रवाना हुई। मैंने बीच रास्ते में भी भाई के नंबर पर फोन लगाने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।


सुशांत की हत्या हुई- सुब्रमण्यम स्वामी
मामले में भाजपा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके कहा कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी हत्या हुई है। सुशांत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। उन्होंने ट्वीट में बताया कि आखिर उन्हें क्यों लगता है कि सुशांत की हत्या हुई है। ट्वीट में उन्होंने एक डॉक्यूमेंट शेयर किया है। इसमें सुशांत के गले पर निशान की लोकेशन है। इसमें कहा गया है कि सुशांत के गले पर मिले निशान आत्महत्या की तरफ इशारा नहीं करते। उन्होंने जो डॉक्यूमेंट शेयर किया है उसमें सुशांत से जुड़े करीब 26 वजह बताई है। उनका दावा है कि इनमें से मात्र दो आत्महत्या की वजह हो सकती हैं। बाकी सभी 24 वजह का इशारा हत्या की ओर है।


डिप्रेस्ड व्यक्ति वीडियो गेम कैसे खेल सकता है
स्वामी के मुताबिक सुशांत की गर्दन पर मिले निशान बेल्ट जैसी चीज से लगे हैं। कहा तो ऐसा भी गया है कि सुशांत 14 जून को सुबह के वक्त वीडियो गेम खेल रहे थे। स्वामी को लगता है कि कोई शख्स जो डिप्रेस्ड हो वो वीडियो गेम नहीं खेल सकता। कोई सुसाइड नोट का ना मिलना भी सुब्रमण्यम स्वामी को खटक रहा है और वे इसे एक मर्डर बता रहे हैं। उन्होंने और भी कई तरह के दावे पेश किए हैं। 


केस सीबीआई को देने से इनकार
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सुशांत का केस सीबीआई को हैंडओवर करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को हुई बैठक के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया। इसके पहले सुशांत आत्महत्या मामले में अनिल देशमुख ने आला अफसरों की बैठक बुलाई थी, जिसमें बिहार पुलिस की मुंबई में मौजूदगी पर भी गृहमंत्री ने चर्चा की। बता दें कि सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग करने वालों में सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, विधायक पप्पू यादव, शेखर सुमन, चिराग पासवान, उपमुख्यमंत्री महाराष्ट्र अजीत पवार के बेटे पार्थ का नाम शामिल है। इतना ही नहीं सुशांत के लाखों फैन्स ने भी सोशल मीडिया कैम्पेन के जरिए इस केस की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। लेकिन देशमुख के फैसल के बाद इन सबकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।