सार

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में पूरा धान नहीं बिकने से परेशान एक किसान द्वारा फांसी लगाकर अपनी जान देने का मामला सामने आया है। बताते हैं कि किसान ने 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी की थी, लेकिन पटवारी की गलती से सरकारी रिकॉर्ड में रकबा घट जाने से केवल 11 क्विंटल धान बेचने का टोकन कटा था। इस बीच कलेक्टर ने कहा किसान के बेटे की मौत हो गई थी। इससे वो डिप्रेशन में था और नशा करने लगा था।


कोंडगांव, छत्तीसगढ़. देश में जारी किसान आंदोलन के बीच छत्तीसगढ़ में कर्ज से परेशान एक किसान के फांसी लगाने का मामला सामने आया है। कोंडागांव का रहने वाला किसान पूरा धान नहीं बिकने से परेशान था। बताते हैं कि किसान ने 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी की थी, लेकिन पटवारी की गलती से सरकारी रिकॉर्ड में रकबा घट जाने से केवल 11 क्विंटल धान बेचने का टोकन कटा था। इस बीच कलेक्टर ने कहा किसान के बेटे की मौत हो गई थी। इससे वो डिप्रेशन में था और नशा करने लगा था। परिजनों के मुताबिक, किसान पर कोऑपरेटिव बैंक का 61932 रुपए का कर्ज था। गांववाले किसान की आत्महत्या के पीछे कर्ज का दबाव और मात्र 11 क्विंटल धान बेचने के टोकन को कारण बता रहे हैं।

यह है पूरा मामला...
किसान की मौत के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के विपणन अधिकारी आरबी सिंह ने तकनीकी गड़बड़ी की जांच कराने के आदेश दिए हैं। शुरुआती जांच में सॉफ्टवेयर और गिरदावरी में गड़बड़ी के चलते जमीन का रकबा घटना सामने आया है। किसान धनीराम की पत्नी सुमित्रा ने बताया कि उनके पास 6.70 एकड़ की भूमि स्वामित्व पट्टा है। इसके अनुमान से उन्होंने 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी थी। फसल के लिए किसान ने कई और भी जगह से कर्ज ले रखा था। अब व्यापारी कर्ज वसूली के लिए परेशान करते थे। किसान के रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम ने बताया कि वो धनीराम का टोकन कटाने गया था। मालूम चला कि वो सिर्फ 11 क्विंटल धान ही बेच पाएगा। यह जानकारी लगने के बाद से वो तनाव में आ गया था। किसान ने इस घटना के अगले दिन ही अपने खेत पर पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।

कलेक्टर ने दिया तर्क
तहसीलदार के प्रतिवेदन के मुताबिक  धनीराम ने 2.713 हेक्टेयर भूमि पर धान बोया था। लेकिन पटवारी की गलती से यह  0.320 हेक्टेयर रह गया। इस मामले में अब पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। तहसीलदार को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

उधर, कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि जांच में पता चला है कि किसान के बेटे की 4 साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद से वो डिप्रेशन में था। वो नशा भी करने लगा था।

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