सार

बिलासपुर के सामुदायिक हॉस्पिटल में अचानक फूड प्वाइजनिंग के कारण 18 लोग एडमिट हुए। तथा एक बच्ची की मौत हो चुकी है। सभी लोगों ने गांव में लगे बाजार की एक दुकान से नाश्ता किया था। पुलिस मामले की जांच करने में लगी है।  

बिलासपुर (bilaspur). छत्तीसगढ़ के जिले के एक गांव के बाजार में नाश्ता करने से नौ साल की एक बच्ची की मौत हो गई और 18 अन्य बीमार हो गए। दरअसल मामला सोमवार को बिल्हा थाना क्षेत्र के देवकिरारी गांव में हुई, जहां गांव में लगे बाजार में नाश्ता करने से सभी लोग बीमार हुए है। सभी को प्राथमिक हॉस्पिटल में सभी का इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी जांच करना शुरू कर दी है।

ये था मामला
मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि घटना सोमवार को बिल्हा थाना क्षेत्र के देवकिरारी गांव में हुई है। उन्होंने आगे बताया कि पीड़ितों ने रविवार को गांव के बाजार में एक ठेला विक्रेता से गपचुप (एक मसालेदार नाश्ता) जिसे आमतौर पर पानी पुरी के नाम से जाना जाता है, उसको खाया था। वह खाने के बाद अगले दिन सभी को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। दूषित खाना खाने वाले प्रभावित व्यक्तियों में ज्यादातर संख्या बच्चों की थी। सभी बीमारों को सोमवार रात बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां से गंभीर हालत में चार बच्चों को बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सीआईएमएस) के लिए रेफर कर दिया गया।

बीमार हालत में एक की हुई मौत
दूषित खाना खाने से बीमार होने वाले चार बच्चों में से एक की पहचान मीनाक्षी कोशले के रूप में हुई है, जिसे सिम्स पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया। शेष दो बच्चों के माता-पिता ने अपने बच्चों की गंभीर हालत में उन्हें प्रायवेट अस्पतालों में ट्रांसफर कर दिया। जांच कर रहे अधिकारी ने कहा कि कम से कम 15 लोग जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं। उनका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है, उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक जांच शुरू की गई है।
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रमोद महाजन ने कहा, "पहली नजर में बीमारी का कारण भोजन के जहरीले होने के कारण प्रतीत होता है। हालांकि, सही कारण का पता लगाने के लिए मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

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