सार
'द कश्मीर फाइल्स' देखने के बाद सिनेमा के बाहर सीएम भूपेश बघेल ने पत्रकारों के सामने फिल्म के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- "कश्मीर फाइल्स" फिल्म में कोई संदेश नहीं है, सब आधा अधूरा है। केवल हिंसा दिखाने की कोशिश है।
रायपुर (छत्तीसगढ़). 1990 में कश्मीर विद्रोह के दौरान हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर आधारित "द कश्मीर फाइल्स' फिल्म रोजाना बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। इसे देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ रही है। आम आदमी से लेकर मंत्री-विधायक इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस सत्ताधारी राज्य छत्तसीगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने अपने मंत्रियों के साथ द कश्मीर फाइल्स देखी। फिल्म को देखने के बाद उन्होंने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया भी दी। सीएम ने कहा-फिल्म में सब आधा-अधूरा सच दिखाया गया है।
सीएम ने एक दिन पहले ही बुक कर दिया था पूरा सिनेमा हॉल
दरअसल, सीएम भूपेश बघेल बुधवार रात 8 बजे रायपुर के एक सिनेमा हॉल में द कश्मीर फाइल्स' देखी। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत (Dr. Charandas Mahant), मंत्री अमरजीत भगत (Minister Amarjit Bhagat), डॉ. शिव कुमार डहरिया (Shiv Kumar Dahria) और डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम (Dr. Premsai Singh Tekam) भी पहुंचे थे। बता दें कि सीएम की तरफ से एक दिन पिहले ही पूरे सिनेमा को बुक करवा दिया गया था। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर कांग्रेस और उनको लेकर कमेंट्स आने लगे थे। क्योंकि कांग्रेस के कई नेता जिस तरह से फिल्म को लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, उस हिसाब से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का फिल्म को देखने जाना अपने आप में बड़ी बात है।
फिल्म में सिर्फ और सिर्फ हिंसा दिखाने की कोशिश
बता दें कि 'द कश्मीर फाइल्स' देखने के बाद सिनेमा के बाहर सीएम भूपेश बघेल ने पत्रकारों के सामने फिल्म के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- "कश्मीर फाइल्स" फिल्म में कोई संदेश नहीं है, सब आधा अधूरा है। केवल हिंसा दिखाने की कोशिश है। भाजपा वालों के सामने खड़े हो जाओ, तो भाग जाते हैं। भाजपा का कोई व्यक्ति फिल्म देखने नहीं आया। सीएम ने कहा-फिल्म में समाधान का कोई रास्ता नहीं बताया गया है। कश्मीर से पंडितों का यह पलायन तब हुआ, जब केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। केवल हिंसा दिखाने की कोशिश है। मैं नहीं समझता इसका कोई औचित्य है।
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यह सब भी भाजपा समर्थित सरकार के समय हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा-अभी "कश्मीर फाइल्स" देखकर लौटा हूं। फिल्म में दिखाया गया है कि भाजपा के सहयोग से चल रही सरकार ने कश्मीरी पंडितों को रोकने का प्रयास नहीं किया था, बल्कि उन्हें जाने को कहा। कश्मीरी पंडितों का जिस समय विस्थापन हुआ, यह 1989-90 का दौर था, बीपी सिंह जी प्रधानमंत्री थे, बीजेपी के नेता अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) जी और लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) जी नेतृत्व कर रहे थे। राज्यपाल ने कश्मीरी पंडित को रोकने का प्रयास नहीं किया बल्कि कश्मीरी पंडित को उन्होंने जाने के लिए कहा और वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया वहां सेना नहीं भेजी गयी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने जब लोकसभा का घेराव किया, तब सेना भेजी गयी। फ़िल्म में एक हिस्सा दिखाया जाना उचित नहीं है। ये इसके माध्यम से राजनीति करना चाहते हैं और 2024 की तरफ़ जाना चाहते हैं, तो यह बहुत ग़लत दिशा में देश को ले जाने वाली बात है।
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे जमकर तारीफ
11 मार्च को रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई कर रही है। इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, भाषा सुम्बली, पल्लवी जोश ने अभिनय किया है। लोग इस फिल्म को काफी पसंद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर फिल्म के एक्टर और इसको बनाने वाले फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
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