सार
लॉकडाउन में गरीबों की जिंदगी पर दोहरी मार पड़ी। यह कहानी ऐसे ही एक पिता की है, जिसे अपने बेटे के दिल का ऑपरेशन कराने यूपी के सोनभद्र से छत्तीसगढ़ के रायपुर तक 700 किमी तक बाइक चलानी पड़ी। लॉकडाउन में गाड़ियां बंद होने से उसके पास दूसरा कोई उपाय नहीं था। वो महंगा किराया देकर प्राइवेट गाड़ी नहीं कर सकता था। दूसरा, इलाज पर लाखों रुपए भी खर्च नहीं कर सकता था। रायपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल में बच्चों की दिल की बीमारी का फ्री में इलाज किया जाता है।
रायपुर, छत्तीसगढ़. अपने 5 साल के बेटे की जिंदगी बचाने एक पिता ने 700 किमी बाइक चलाई। मामला सोनभद्र(यूपी) के रहने वाले साबिर अली और उसके बेटे सैफ से जुड़ा है। करीब ढाई साल पहले मालूम चला कि सैफ के दिल में छेद है। दूसरी जगह सर्जरी के 8 लाख रुपए लग रहे थे। वहीं, रायपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी हास्पिटल (Sri Sathya Sai Sanjeevani Hospital) में बच्चों के दिल से संबंधित बीमारियों का फ्री में इलाज होता है। इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। साबिर ने दो साल पहले रजिस्ट्रेशन कराया था। उन्हें 25 जुलाई, 2020 को रायपुर आने को कहा गया। लेकिन लॉकडाउन के कारण सोनभद्र से रायपुर तक जाने की समस्या हो गई। साबिर के पास इतना पैसा नहीं था कि वो प्राइवेट गाड़ी कर सके। लिहाजा, उन्होंने बाइक उठाई और बेटे को बैठाकर रायपुर निकल पड़े। ऑपरेशन के बाद बच्चे को नई जिंदगी मिल गई है। यह घटन अब साबिर ने शेयर की है।
डॉक्टर ने दी थी रायपुर जाने की सलाह...
साबिर ने बताया कि वे बाइक मैकेनिक हैं। इतनी कमाई नहीं है कि बेटे के ऑपरेशन पर 8 लाख रुपए खर्च कर पाते। इसी बीच डॉक्टरों ने उन्हें रायपुर के हॉस्पिटल के बारे में बताया था। साबिर बाइक पर अपने साथ बड़े भाई आबिद को भी लेकर निकले थे। वे सुबह 6 बजे घर से निकले और 16 घंटे के सफर के बाद रायपुर पहुंचे। वे रास्ते में कुछ मिनट ही रुके। रायपुर पहुंचने पर उन्हें 15 दिनों के लिए क्वारेंटाइन कर दिया गया। हालांकि वे अब खुश हैं कि उनके बेटे का सफल ऑपरेशन हो गया।