सार

छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा पर पर वर्षों पुरानी एक अनोखी परंपरा चली आ रही है। इसी परंपरा को निभाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के जंजगिरी पहुंचे। यहां पूजन के दौरान एक शख्स ने कोड़ा (जिसे सोंटा कहा जाता है) से हाथ पर प्रहार किए। इस दौरान सीएम मुस्कराते रहे। वहीं, आसपास खड़े लोग हंसते रहे। बता दें कि सोंटा पुआल (सूखी लड़की या धान आदि के सूखे डंठल) से बना होता है। यह बेहद हल्का होने से चोट नहीं पहुंचता।

दुर्ग, छत्तीसगढ़. रविवार को गोवर्धन पूजा की वर्षों पुरानी परंपरा को निभाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जंजगिरी पहुंचे। यहां उन्होंने गौरी पूजन में हिस्सा लिया। यहां पूजन के दौरान एक शख्स ने कोड़ा (जिसे सोंटा कहा जाता है) से हाथ पर प्रहार किए। इस दौरान सीएम मुस्कराते रहे। वहीं, आसपास खड़े लोग हंसते रहे। बता दें कि सोंटा पुआल (सूखी लड़की या धान आदि के सूखे डंठल) से बना होता है। यह बेहद हल्का होने से चोट नहीं पहुंचता। अभी तक यह सोंटा गांव के बुजुर्ग भरोसा ठाकुर मारते रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों उनका निधन हो गया। इसलिए इस बार यह परंपरा उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाई। 

अनिष्ट टालती है यह परंपरा
यह परंपरा राज्य की खुशहाली के लिए मनाई जाती रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार यह परंपरा कोरोनाकाल में आई है, इसलिए लोग संक्रमण से बचने मास्क पहनें, साबुन से हाथ धोते रहें। यह परंपरा छत्तीसगढ़भर में निभाई जाती है। माना जाता है कि सोंटा से मामूली दर्द झेलकर अनिष्ट की आशंका को टाला जाता है।
 

मुख्यमंत्री ने की गौरी पूजा 
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गौर पूजा भी की। गौरी को धूम-धड़ाके के साथ विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। लेकिन इस बार यह आयोजन सादगी से हो रहा है।