सार
यह तस्वीर गरीब बच्चों की मुट्ठीभर खुशी को दिखाती है। छोटी-सी चीज पाकर बच्चे कैसे खुश हो जाते हैं, यह मामला यही दिखाता है। यह प्रवासी मजदूर का बच्चा अपने परिवार को साथ मीलों पैदल चलकर आ रहा था। तपती गर्मी में नंगे पैर होने के बावजूद उसके हिम्मत नहीं डगमगाई। वो मां-बाप के साथ लगातार चलता रहा। जब उसे पुलिसवाले ने नई चप्पल दी, तो वो पहनकर खुश हो गया।
जांजगीर, छत्तीसगढ़. इन दिनों देशभर में हजारों मजदूर नंगे पांव पैदल अपने घरों को जाते देखे जा सकते हैं। इनके साथ बच्चे भी हैं। यह तस्वीर गरीब बच्चों की मुट्ठीभर खुशी को दिखाती है। छोटी-सी चीज पाकर बच्चे कैसे खुश हो जाते हैं, यह मामला यही दिखाता है। यह प्रवासी मजदूर का बच्चा अपने परिवार को साथ मीलों पैदल चलकर आ रहा था। तपती गर्मी में नंगे पैर होने के बावजूद उसके हिम्मत नहीं डगमगाई। वो मां-बाप के साथ लगातार चलता रहा। जब उसे पुलिसवाले ने नई चप्पल दी, तो वो पहनकर खुश हो गया।
चप्पलें देखकर खुश हुआ बच्चा..
यह बच्चा अपने परिवार के साथ ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले से जांजगीर पहुंचा था। करीब 215 किमी के इस सफर में मीलों उसे पैदल चलना पड़ा। कहीं-कहीं उसे लिफ्ट मिल गई। नंगे पांव..तपती धरती पर चलते हुए भी बच्चे की हिम्मत नहीं टूटी। जब यह परिवार जांजगीर पहुंचा, तो यहां थाना बिर्रा के प्रभारी इंस्पेक्टर तेज कुमार यादव ने उन्हें खाना खिलाया। जब उन्होंने देखा कि बच्चा नंगे पैर है, तो उन्होंने उसके लिए नई चप्पलें दीं। नई चप्पलें पहनकर बच्चा खुश हो गया। मालूम चला कि 6 लोगों का यह परिवार भूखे पेट लगातार पैदल चला आ रहा था। यहां से पुलिस ने उन्हें गांव तक पहुंचाने का प्रबंध किया।