नगर निगम रायपुर के गोकुल धाम गोठान में महिला स्वसहायता समूह की टीम ने गोबर और अन्य उत्पादों के इस्तेमाल से इस ब्रीफकेस का निर्माण किया है। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार बुधवार को अपना सालाना बजट 2022-23 विधानसभा में पेश कर रही है। खुद सीएम भूपेश बघेल बजट भाषण पढ़ रहे हैं। सीएम बघेल राज्य का बजट पेश करने के लिए गाय के गोबर से बना ब्रीफकेस लेकर पहुंचे। इस ब्रीफकेस को बजट सत्र को लेकर खासतौर पर तैयार किया गया है। ब्रीफक्रेस को गोबर के पाउडर से तैयार किया है।

नगर निगम रायपुर के गोकुल धाम गोठान में महिला स्वसहायता समूह की टीम ने गोबर और अन्य उत्पादों के इस्तेमाल से इस ब्रीफकेस का निर्माण किया है। देश में पहली बार बजट को गोबर के ब्रीफकेस में रखा गया है। इसे लेकर ही सीएम विधानसभा पहुंचे थे। बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत वार्षिक सहायता अगले वर्ष से 6,000 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है। इस बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली का प्रस्ताव रखा गया। कौशल विकास कार्यक्रमों के समन्वय से रोजगार सृजन की संभावनाओं पर काम करने के लिए छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के लिए 2 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया है।

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ब्रीफकेस की खासियत

  • ब्रीफकेस को गोबर पाउडर, चूना पाउडर, मैदा लकड़ी और ग्वार गम के मिश्रण से बनाया गया है।
  • इस एक ब्रीफकेस को बनाने में 10 दिन लगे। कारीगरों की खासी मेहनत करनी पड़ी।
  • इस ब्रीफकेस के हैंडल को आर्ट कारीगरों से तैयार करवाया गया है। 

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जानें क्या हैं इसके मायने

  • छत्तीसगढ़ में गोबर को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
  • त्योहारों पर घरों को गाय के गोबर से लीपने की परंपरा रही है। 
  • इसीलिए खास ब्रीफकेस के पीछे मकसद रहा कि हर घर में बजट रूपी लक्ष्मी का प्रवेश हो।
  • छत्तीसगढ़ सरकार गौधन न्याय योजना भी चला रही है। इसमें लोगों से गाय का गोबर खरीदा जाता है।
  • गौधन न्याय योजना में सरकार 2 रुपए किलो गोबर खरीदती है।
  • छत्तीसगढ़ में जल्द ही गाय के गोबर से बिजली का निर्माण शुरू किए जाने की तैयारी है। 
  • एक यूनिट गाय के गोबर से 85 क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होगा। 
  • इस तरह एक क्यूबिक मीटर गाय के गोबर से 1.8 किलोवॉट बिजली प्रतिघंटा पैदा होगी। 
  • एक यूनिट में 153 किलोवॉट बिजली प्रति घंटा पैदा होगी। 
  • तीन गौथनों में लगे यूनिट्स से करीब 460 किलोवॉट यूनिट बिजली प्रति घंटा पैदा होगी।