सार
हंसती-खेलती जिंदगियां चंद सेकंड में कैसे खत्म हो जाती हैं, यह सड़क हादसा यही गवाही देता है। गाड़ियां हमेशा उतनी स्पीड में चलाएं, जिस पर आप कंट्रोल रख सकें। रात के समय अंधेरे में तो और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। यह हादसा फरसगांव क्षेत्र में बुधवार देर रात को हुआ। सूमो और कार के बीच आमने-सामने से हुई भीषण भिड़ंत में तीन दोस्तों की दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी कार में सवार थे। वहीं, सूमों में सवार दो लोग घायल हो गए।
कोडगांव, छत्तीसगढ़. हंसती-खेलती जिंदगियां चंद सेकंड में कैसे खत्म हो जाती हैं, यह सड़क हादसा यही गवाही देता है। गाड़ियां हमेशा उतनी स्पीड में चलाएं, जिस पर आप कंट्रोल रख सकें। रात के समय अंधेरे में तो और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। यह हादसा फरसगांव क्षेत्र में बुधवार देर रात को हुआ। सूमो और कार के बीच आमने-सामने से हुई भीषण भिड़ंत में तीन दोस्तों की दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी कार में सवार थे। वहीं, सूमों में सवार दो लोग घायल हो गए। कार सवार तीनों दोस्त नारायणपुर से लौट रहे थे। वहीं, सूमो वन विभाग की थी। यह रायपुर से आ रही थी।
बुरी तरह फंस गए थे वाहन...
केशकाल निवासी रज्जू पांडेय (45), संतोष पाटिल (38) और अनिल सिन्हा (40) नारायणपुर से लौट रहे थे। कार रज्जू पांडे ड्राइव कर रहा था। अनिल के बड़े भाई भूपेश केशकाल नगर पंचायत में पार्षद हैं। रात करीब 10 बजे मससुकोकोडा गांव के पास यह हादसा हुआ। एक्सीडेंट इतना भीषण था कि दोनों गाड़ियां आपस में फंस गईं। रज्जू की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस दोनों घायल दोस्तों को फरसगांव स्वास्थ्य केंद्र के बाद रायपुर इलाज के लिए ले जा रही थी। लेकिन रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया।
3 घंटे की मशक्कत के बाद फंसे लोग निकाले जा सके
सूमो सवार वन विभाग के दोनों घायल कर्मचारियों को फरसगांव अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा इतना भीषण था कि दोनों गाड़ियां एक-दूसरे में बुरी तरह फंस गई थीं। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद घायलों को बाहर निकाला जा सका।