सार
COVID 19 UPDATE: विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) द्वारा भारत में कोरोना संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत होने के दावे के विवाद के बीच 3500 नए केस सामने आए हैं। यह पिछले दिन की तुलना में 300 अधिक हैं। इस बीच वैक्सीनेशन का आंकड़ा 189.81 करोड़ को पार कर चुका है। एक्टिव केस 0.05% हैं। जबकि रिकवरी रेट अभी भी 98.74% बनी हुई है।
- राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान(Nationwide Vaccination Drive) के तहत अब तक 189.81 करोड़ वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है
- भारत का सक्रिय केसलोड(एक्टिव केस) वर्तमान में 19,688 है
- सक्रिय मामले 0.05% हैं, जबकि रिकवरी दर वर्तमान में 98.74% है
- पिछले 24 घंटों में 3,549 ठीक होने से कुल रिकवरी बढ़कर 4,25,51,248 हो गई है
- पिछले 24 घंटे में 3,545 नए मामले सामने आए हैं
- दैनिक सकारात्मकता दर 0.76% है, जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 0.79%
- अब तक 83.98 करोड़ कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं; पिछले 24 घंटों में 4,65,918 टेस्ट किए गए हैं
COVID 19 UPDATE:बीते दिन देश में कोरोना संक्रमण(corona virus) के 3500 के करीब नए केस मिले हैं। जबकि इससे पहले यही आंकड़ा 3,275 था। इस बीच वैक्सीनेशन का आंकड़ा 189.81 करोड़ को पार कर चुका है। एक्टिव केस 0.05% हैं। जबकि रिकवरी रेट अभी भी 98.74% बनी हुई है। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) द्वारा भारत में कोरोना संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत होने के दावे को झूठा बताया गया है। पहले भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों की गणना के लिए WHO द्वारा इस्तेमाल में लाए गए मैथेमेटिक कॉन्सेप्ट सही नहीं है। इस मॉडल के जरिए की गई गणना वास्तविकता से पूरी तरह से भिन्न है। अब AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि आंकड़े विश्वसनीय नहीं हैं। ये अपुष्ट स्रोतों से, मीडिया रिपोर्ट्स से या किसी और स्रोत से लिए गए, जो अवैज्ञानिक तरीके से जमा किए गए।
COVID-19 Vaccination Coverage exceeds 189.81 Cr: भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा
6 अप्रैल के सुबह 7 बजे तक भारत का COVID-19 टीकाकरण कवरेज 189.81 करोड़ (1,89,81,52,695) से अधिक हो गया है। यह 2,35,44,994 सत्रों के माध्यम से हासिल किया गया है। 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के लिए COVID-19 टीकाकरण 16 मार्च, 2022 को शुरू किया गया था। अब तक 2.99 करोड़ (2,99,46,931) से अधिक किशोरों को COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसी तरह, 18-59 वर्ष के आयु वर्ग के लिए COVID-19 एहतियात खुराक(precaution dose) भी 10 अप्रैल, 2022 से शुरू हुआ।
भारत में एक्टिव केस और नए मामले
भारत में वर्तमान में 19,688 एक्टिव केस हैं। सक्रिय मामले अब देश के कुल सकारात्मक मामलों का 0.05% हैं। नतीजतन, भारत की वसूली दर 98.74% है। पिछले 24 घंटों में 3,549 मरीज ठीक हुए हैं और ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या (महामारी की शुरुआत के बाद से) अब 4,25,51,248 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 3,545 नए मामले सामने आए।
भारत में कोरोना टेस्टिंग और पॉजिटिविटी का आंकड़ा
पिछले 24 घंटों में कुल 4,65,918 COVID-19 परीक्षण किए गए। भारत ने अब तक 83.98 करोड़ (83,98,44,925) कुल परीक्षण किए हैं। देश में साप्ताहिक सकारात्मकता दर वर्तमान में 0.79% है और दैनिक सकारात्मकता दर भी 0.76% बताई गई है।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी 18.81 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज मौजूद
अब तक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को केंद्र सरकार के जरिये 193.53 करोड़ (1,93,53,58,865) से अधिक वैक्सीन खुराक भेजी जा चुकी हैं। भारत का (मुफ्त चैनल) और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के माध्यम से यह सप्लाई कर रहा है। 18.81 करोड़ से अधिक (18,81,65,190) शेष और अप्रयुक्त COVID वैक्सीन खुराक अभी भी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं, जिन्हें इस्तेमाल किया जाना है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने WHO के आंकड़े पर दी सफाई
पूरा विश्व मानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जिस प्रकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी वो पूरे विश्व के लिए मिसाल थी। पर ऐसे में मृत्यु के आंकड़ों पर राजनीति करना बहुत दुखद है। जबकि विकसित देशों से भी बेहतर तरीके से भारत ने ये युद्ध लड़ा है। राहुल गांधी लगातार भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। समय-समय पर उन्होंने प्रधानमंत्री और भाजपा पर आक्रमण करते हुए भारत को नीचा दिखाया है, ये दुखद है। भाजपा शासित राज्यों और गैर-भाजपा शासित राज्यों में मृत्यु का विश्लेषण नहीं करना चाहिए। किन मानदंड के आधार पर भारत को टियर-2 देश में रखा गया है, ये भी सटीक रूप से पता नहीं चलता। काल्पनिक तरीके से डेटा का मंथन करना, भारत को टियर-2 देशों में रखना, इन सब विषयों पर भारत ने समय-समय पर WHO से वार्तालाप किया है। पूरी प्रक्रिया में WHO ने जिस प्रकार के तरीकों को अपनाया है, वो गलत है। डेटा के स्रोत में एक्यूरेसी होनी चाहिए, जबकि WHO ने माना है कि स्रोत वैरिफाइड नहीं हैं।
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