सार
कोरोना संक्रमण (corona virus) की तीसरी लहर के बीच केंद्र सरकार आज से 60+ के बुजुर्गों और देश के हेल्थ वर्कर्स को बूस्टर डोज देना शुरू करेगी। इस बाबत हेल्थ मिनिस्टर ने tweet करके हेल्थ वर्कर्स को हेल्थ आर्मी बताते हुए कहा कि 'देश सुरक्षित करने वाली हेल्थ आर्मी की सुरक्षा सरकार कर रही सुनिश्चित।'
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण (corona virus) की तीसरी लहर के बीच देश के 60+ बुजुर्गों और हेल्थ वर्कर्स को आज से बूस्टर शॉट मिलेगा। इस बाबत हेल्थ मिनिस्टर ने tweet करके हेल्थ वर्कर्स को हेल्थ आर्मी बताते हुए कहा कि 'देश सुरक्षित करने वाली हेल्थ आर्मी की सुरक्षा सरकार कर रही सुनिश्चित।' हेल्थ मिनिस्टर डॉ. मनसुख मंडाविया(Dr Mansukh Mandaviya) ने tweet करके लिखा-करीब 1 करोड़ से अधिक हेल्थ व फ़्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60+ नागरिकों को उनकी #PrecautionDose हेतु रिमाइंडर SMS भेजे गए हैं। COWIN पर अपॉइंटमेंट पहले से शुरू है। मंडाविया ने एक फोटो भी शेयर किया है, जिसमें हेल्थ वर्कर्स के काम को सराहा है। उन्होंने लिखा-ये कदम हजारों अब रुक ना पाएंगे कभी, मंजिलों पे पहुंचकर ही विराम ले सभी। किन्नौर, हिमाचल प्रदेश में 15-18 आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण करने जाती हमारी हेल्थ आर्मी।
11 करोड़ बुजुर्गों को लगेगा डोज
10 जनवरी से 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को प्रिकॉशन डोज दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के करीब 11 करोड़ बुजुर्गों को यह डोज दिया जाएगा। फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को भी तीसरा डोज दिया जाएगा। चुनावी ड्यूटी वाले कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। देश में करीब 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स हैं। प्रिकॉशन डोज के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग के साथ वैक्सीन केंद्रों पर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा इसकी जानकारी कोविन ऐप पर उपलब्ध रहेगी। तीसरा डोज लगते ही सर्टिफिकेट भी अपडेट हो जाएगा।
बुजुर्गों के लिए तीसरे डोज की ये हैं शर्तें
- दूसरा डोज कम से कम 9 महीने (37 हफ्ते या 273 दिन) पहले लिया गया हो
- कोमॉर्बिडिटी (कई बीमारियों से ग्रसित) वाले बुजुर्ग तीसरे डोज के लिए हकदार हैं
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रिकॉशन डोज के लिए डॉक्टर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सलाह पर ही लें
- प्रिकॉशन डोज सरकारी वैक्सीन सेंटर पर मुफ्त दिया जाएगा, प्राइवेट अस्पतालों में सशुल्क होगा
- कोमॉर्बिटिडी में ये बीमारियां शामिल
- सरकार ने 60+ लोगों के लिए कोमॉर्बिडिटी में शामिल बीमारियों को लेकर कोई अलग से लिस्ट जारी नहीं की गई है, लेकिन उनमें ये बीमारियां मान्य हैं...
- पिछले एक साल में हार्ट फेल्योर के चलते अस्पताल में भर्ती होने पर
- पोस्ट कार्डिएक ट्रांसप्लांट/लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस
- सिग्नफिकेंट लेफ्ट वेंट्रिकुलर सिस्टोलिक डिस्फंक्शन
- मॉडरेट या सिविर वाल्वुलर हार्ट डिजीज या जन्मजात हार्ट डिजीज
- हाइपरटेंशन/डायबिटीज के इलाज के साथ कोरोनरी आर्टरी रोग
- ऐन्जाइन और हाइपरटेंशन/डायबिटीज
- स्ट्रोक और हाइपरटेंशन का रिकॉर्ड/डायबिटीज, पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन
- किडनी/लिवर/स्टेम सेल ट्रांसप्लांट हो चुका हो या होने जा रहा हो, किडनी की लास्ट स्टेज बीमारी में डायलिसिस/CAPD
- ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स / इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं का लंबे समय से इस्तेमाल, डीकाम्पन्सेटेड सिरोसिस, सांस संबंधी बीमारी, लिंफोमा / ल्यूकेमिया / माइलोमा
- 1 जुलाई 2020 या उसके बाद कैंसर की थेरेपी , सिकल सेल रोग/ बोन मैरो फेल्योर/अप्लास्टिक एनीमिया/ थैलेसीमिया मेजर, प्राइमरी इम्यूनोडिफिशिएंसी डिजीज/HIV इंफेक्शन
गर्भवती महिला और दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यालय आने से छूट
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला और दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यालय आने से छूट दी गई है। हालांकि, उन्हें उपलब्ध रहने और घर से काम करने की जरूरत होगी।
यह भी दिए निर्देश
9 जनवरी को केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कंटेनमेंट जोन (रोकथाम क्षेत्र) में रहने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारियों को भी उस समय तक कार्यालय आने से छूट रहेगी, जब तक उनके क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाता। मंत्री ने आगे बताया कि अवर सचिव पद के स्तर से नीचे के सरकारी कर्मियों की उपस्थिति वास्तविक संख्या के 50 फीसदी तक सीमित कर दी गई है और बाकी 50 फीसदी घर से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों में इसके अनुरूप कार्यसूची तैयार की जाएगी। हालांकि, मंत्री ने कहा जो अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं और घर से काम कर रहे हैं, वे हर समय टेलीफोन और संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए उपलब्ध रहेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होंगी बैठकें
कोविड-19 विषाणु के संक्रमण की तेजी को देखते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीओपीटी का कार्यालय ज्ञापन (ओएम) इस सलाह के साथ जारी किया गया है कि यथासंभव आधिकारिक बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही की जाएं। उन्होंने आगे कहा जब तक बहुत जरूरी न हो, आगंतुकों के साथ व्यक्तिगत बैठकों से बचना चाहिए। मंत्री ने कहा कि कार्यालय परिसर में अधिक भीड़ से बचने के लिए अधिकारी/कर्मचारी अलग-अलग समय का पालन करेंगे। यानी (क) सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक और (बी) सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
कोविड गाइडलाइन का पालन करें
इस बीच, डीओपीटी ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है। इसके तहत बार-बार हाथ धोना/सेनिटाइजेशन, फेस मास्क/फेस कवर पहनना और हर समय शारीरिक दूरी का पालन करना शामिल है। कार्यस्थल की विशेष रूप से बार-बार स्पर्श की जाने वाली सतहों की पर्याप्त सफाई और सेनिटाइजेशन को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीओपीटी के ओएम के अनुरूप जारी दिशा-निर्देश 31 जनवरी, 2022 तक प्रभावी रहेंगे। हालांकि, इस दौरान समय-समय पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी और स्थिति को देखते हुए इसके अनुरूप दिशा-निर्देशों को संशोधित किया जा सकता है।
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