सार
Russia Ukraine Conflict : पिछले दो दिनों से दुनियाभर में यूक्रेन पर रशिया के अटैक की खबरें चल रही हैं। तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने रूस पर इस हमले को लेकर कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं। इस बीच सवाल ये उठ रहा है कि पूरी दुनिया का विरोध लेकर आखिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का आदेश क्यों दिया।
इंटरनेशनल डेस्क। पिछले दो दिनों से दुनियाभर में यूक्रेन पर रशिया के अटैक (Russia attack ukraine) की खबरें चल रही हैं। अलग--अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (USA and EU) ने रूस पर इस हमले को लेकर कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं। इस बीच सवाल ये उठ रहा है कि पूरी दुनिया का विरोध लेकर आखिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir putin) ने यूक्रेन पर हमले का आदेश क्यों दिया। एशियानेट न्यूज बता रहा है कि आखिर इस हमले के पीछे सिर्फ नाटो (NATO) से यूक्रेन को दूर रखना ही रणनीति है या फिर इससे भी कुछ बड़ा गेम प्लान है…
यूक्रेन पर हमले की दो बड़ी वजहें
नंबर 1 : पुतिन यूक्रेन के भविष्य और भू- राजनीतिक दिशा में अपनी बात कहने में सक्षम होना चाहते हैं। इस बारे में पुतिन पहले भी लिखते रहे हैं। उनका मानना है कि यूक्रेन और रूस दोनों एक ही हैं। यूक्रेनियन और रूसी बहुत समान या लगभग एक जैसे हैं। इसलिए दोनों को वास्तव में एकजुट होना चाहिए।
नंबर 2 : पुतिन वास्तव में चाहते हैं कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो (NATO) को यूक्रेन से बाहर और रूस की सीमाओं से दूर रखा जाए। रूस की सीमा के अन्य देश पहले से ही नाटो में शामिल हैं, जो कभी सोवियत संघ में हुआ करते थे। 1949 में जब नाटो का गठन हुआ तब इसमें 12 देश थे। वर्तमान में इसमें 30 देश शामिल हो चुके हैं।
सोवियत संघ के देशों का NATO में शामिल होना बड़ी वजह
यूक्रेन में रूस को मिलाने को लेकर पुतिन का विचार कुछ अलग है। रूस ने जहां हमला किया वहां इसे एक तरह की रेड लाइन के रूप में देखा जाता है और इसमें विभिन्न मूलों का एक प्रकार का बड़ा जनसमूह है। एक मुद्दा सुरक्षा का भी हो सकता है। यूक्रेन की काफी लंबी सीमा रूस से जुड़ी है और दोनों के बीच एक प्रकार का साझा सांस्कृतिक इतिहास भी है। पुतिन का एक बयान सामने आया है, जिसमें वे कह रहे हैं पूर्व में एक इंच भी नहीं है जो हमें 1990 में बताई गई थी। इसके बाद हमें धोखा दिया गया, हमें बेशर्मी से बरगलाया गया और नाटो विस्तार करता चला गया। हमें यह समझना होगा। हम यूएस (USA) या यूके (UK)की सीमाओं पर नहीं आए।
लेकिन, इस समय क्यों बढ़ा विवाद
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे स्पष्ट यह है कि पुतिन पूर्वी यूक्रेन की स्थिति को देखते हैं तो उन्हें लगता है कि वह कोई प्रगति नहीं कर रहे हैं। पुतिन बदतर होते हालातों से परेशान हैं। उनका मानना है कि यूक्रेन पश्चिमी राज्यों के करीब हो रहा है। उसे अधिक सैन्य समर्थन (Military support) और अधिक सामान्य समर्थन (General support) मिल रहा है।
यह भी पढ़ें Russia Ukraine War: RPG से एंटी टैंक मिसाइल तक, इन हथियारों के दम पर रूसी आक्रमण का सामना कर रहा यूक्रेन
पिछले आठ साल में आया यह बदलाव
यूक्रेन की स्थिति में पिछले आठ साल में बदलाव आया है। इस दौरान उसने एक स्वतंत्र पाठ्यक्रम लागू किया। यह Pro-wetern है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे सबसे बड़ी समस्या के रूप में देखते हैं। वह मानते हैं कि अमेरिकी सहायता न केवल यूक्रेन के नाटो गठबंधन में शामिल होने की उसकी रणनीतिक योजनाओं को प्रदर्शित करती है, बल्कि उसकी सेना और संसाधनों के स्तर को भी बढ़ाती है। यह सब देखकर पुतिन को लगा कि यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है, वह निकट भविष्य में काफी कुछ बदलना चाहता है।
रूस क्या चाहता है ?
रूस को इस हमले से क्या मिलेगा, यह सवाल काफी हद तक सामने आ रहा है। इसे लेकर अलग-अलग चीजें कही जा रही हैं। एक ओर कहा जा रहा है कि वह अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है और यूक्रेन के केवल उन क्षेत्रों को रूस में शामिल करने की कोशिश में है, जहां रूसी बोलने वाले हैं। इससे और बड़ी रणनीति पर जाएं तो यह ऐसा कुछ ऐसा बनाने की कोशिश हो सकती है, जिससे रूस क्रीमिया तक पहुंच बना रहा है। यह भी माना जा रहा है कि यह कुछ व्यापक और वास्तव में, यूक्रेन के भविष्य को नियंत्रित करने के बारे में है।
यह भी पढ़ें Russia Ukraine Crisis : यूक्रेन पर हमले ने याद दिलाई हिटलर की रणनीति, USA ने भी हिटलर से की पुतिन की तुलना