नई दिल्ली. निजामुद्दीन के मरकज में शामिल हुए लोगों की जानबूझकर की गई गलती का खामियाजा सारा देश भुगत रहा है। यहां जमात में जुड़े 8000 लोगों पर संक्रमण का खतरा है। इनमें से ज्यादातर बगैर सूचना दिए देशभर में अपने-अपने रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों के यहां चले गए। यानी ऐसे लोगों ने देश को संकट में डाल दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तो इसे तालिबानी अपराध तक करार दे चुके हैं। उस पर भी, ये लोग इलाज से दूर भाग रहे। हेल्थ और पुलिस पर पथराव किया जा रहा। यह स्थिति शर्मनाक है। अभी देश में संक्रमितों की संख्या 2000 के पार चली गई है। इनमें सबसे ज्यादा मरकज में शामिल लोग हैं। यह हरकत देश के लिए सबक है। कोरोना को हराने दुनियाभर में अभी सिर्फ एक ही उपाय है-सोशल डिस्टेंसिंग। इसे प्रभावी करने सरकार ने 21 दिनों का लॉक डाउन घोषित किया है। लाजिमी है, इस दौरान देश के गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिक्कतें और भी हैं। ये तस्वीरें दिखाने का यह मकसद यही है कि आप जाने-अनजानें ऐसी कोई भी लापरवाही न करें, जो खुद के अलावा दूसरों के लिए खतरा बने। लॉक डाउन का पालन करें, ताकि कोरोना को जल्द हराया जा सके और जिंदगी पटरी पर लौटे।