सार

बीसीसीआई ने कथित स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेटर एस श्रीसंत को बड़ी राहत दी है। बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने श्रीसंत पर लगे लाइफटाइम बैन को घटाकर 7 साल कर दिया है। श्रीसंत पर 6 साल से प्रतिबंध लगा हुआ है, ऐसे में यह अगले साल अगस्त में खत्म हो जाएगा। श्रीसंत पर अगस्त 2013 में प्रतिबंध लगाया गया था।

नई दिल्ली. बीसीसीआई ने कथित स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेटर एस श्रीसंत को बड़ी राहत दी है। बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने श्रीसंत पर लगे लाइफटाइम बैन को घटाकर 7 साल कर दिया है। श्रीसंत पर 6 साल से प्रतिबंध लगा हुआ है, ऐसे में यह अगले साल अगस्त में खत्म हो जाएगा। श्रीसंत पर अगस्त 2013 में प्रतिबंध लगाया गया था।

आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप के चलते राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण पर भी प्रतिबंध लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में बीसीसीआई की अनुशासन समिति का फैसला बदल दिया था। जैन ने अपने आदेश में कहा कि यह प्रतिबंध सात साल का होगा और वह अगले साल खेल सकेगा। उन्होंने कहा, ''श्रीसंत 35 साल की उम्र पार कर चुके हैं। ऐसे में उनका सर्वश्रेष्ठ दौर बीत चुका है। ऐसे में उनपर लगे प्रतिबंध को 7 साल करना उचित होगा।

श्रीसंत के खिलाफ कोई सबूत नहीं- वकील
बीसीसीआई ने 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध सही है। उन्होंने मैच के नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश की थी। वहीं, श्रीसंत के वकील ने कहा था कि आईपीएल मैच के दौरान कोई स्पॉट फिक्सिंग नहीं हुई। श्रीसंत पर लगाए गए आरोपों को लेकर कोई सबूत नहीं मिला। 

क्या था मामला, कब क्या हुआ..?
- दिल्ली पुलिस ने 2013 में आईपीएल-6 के दौरान सट्‌टेबाजी का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया था। लेकिन इस मामले में पुलिस कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई थी। 
- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तो पुलिस के सबूतों पर सवाल उठाए थे। पुलिस ने आरोपियों पर धोखाधड़ी, साजिश और मकोका के तहत मामला दर्ज किया था। हालांकि, बाद में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। जुलाई 2015 में कोर्ट ने बरी कर दिया था। 
- 18 अप्रैल 2017 को बीसीसीआई ने एस श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध की समीक्षा की थी। लेकिन गेंदबाज को राहत देने से इनकार कर दिया था।
- मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने लाइफटाइम बैन हटा दिया था।