सार

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ मतभेदों की अटकलों को कोरी अफवाह बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में लोगों को परखने का मानदंड बस प्रदर्शन होगा। शास्त्री और गांगुली के बीच मतभेद 2016 में सार्वजनिक हुए थे जब शास्त्री ने कोच के पद के लिये आवेदन किया था 

कोलकाता. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ मतभेदों की अटकलों को कोरी अफवाह बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में लोगों को परखने का मानदंड बस प्रदर्शन होगा। शास्त्री और गांगुली के बीच मतभेद 2016 में सार्वजनिक हुए थे जब शास्त्री ने कोच के पद के लिये आवेदन किया था और गांगुली उस समय क्रिकेट सलाहकार समिति में थे जिसने अनिल कुंबले को चुना था ।

अगले साल शास्त्री कोच बने जब कुंबले ने कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेद के कारण इस्तीफा दे दिया । गांगुली ने शुक्रवार को ‘इंडिया टुडे कांक्लेव’में कहा ‘‘ये सब अटकलें हैं । मेरे पास इन सवालों का जवाब नहीं है ।’’ उनसे पूछा गया था कि अतीत के मतभेदों के कारण शास्त्री को लेकर उनके पूर्वाग्रह हैं । उन्होंने कहा ,‘‘अच्छा प्रदर्शन करिये और पद पर बने रहिये । प्रदर्शन खराब होगा तो कोई और आयेगा । जब मैं खेलता था, तब भी यही नियम था । अटकलें, खुलासे और कयास लगते रहेंगे लेकिन फोकस 22 गज के बीच प्रदर्शन पर रहना चाहिये ।’’

गांगुली ने विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा ,‘‘ प्रदर्शन अहम है और उसका कोई विकल्प नहीं है । गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा भारतीय क्रिकेट में कोहली सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह कप्तान है । टी20 विश्व कप 2020 के बारे में उन्होंने कहा यह प्रारूप बेखौफ क्रिकेट खेलने के बारे में है । टीम में अपनी जगह पक्की करने की सोच लेकर मैदान पर ना उतरें । क्रिकेटर से प्रशासक बने गांगुली ने कहा कि हितों के टकराव के मसले के कारण पूर्व क्रिकेटर प्रशासनिक भूमिका के लिये बोर्ड में नहीं आ पा रहे । उन्होंने कहा ‘‘हितों के टकराव के कारण पूर्व क्रिकेटर बोर्ड में नहीं आ पा रहे । सचिन जैसे खिलाड़ी को भी जाना पड़ा । यह प्रशासकों पर लागू होना चाहिये, क्रिकेटरों पर नहीं ।’’

गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बोर्ड के सचिव है लेकिन गांगुली ने कहा कि उसका निष्पक्ष आकलन किया जाना चाहिये । उन्होंने कहा ‘‘जय शाह ने एक चुनाव जीता है । उसका निष्पक्ष आकलन किया जाना चाहिये । उसके पिता राजनेता है लेकिन उसका आकलन निजी तौर पर होना चाहिये ।’’ गांगुली ने साफ तौर पर कहा कि बीसीसीआई के मामलों में कोई राजनीतिक दखल नहीं है लेकिन स्वीकार किया कि प्रभावी लोग खेल के संचालन में शामिल रहेंगे । उन्होंने कहा ,‘‘ दिवंगत अरूण जेटली जी खेल से प्यार करते थे लेकिन बीसीसीआई में उन्होंने कोई पद नहीं लिया । दिल्ली क्रिकेट में उनका काफी सम्मान है ।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)