सार
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games) में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। फाइनल में उनका मुकाबला मजबूत ऑस्ट्रेलिया से हुआ, जिसमें हार का सामना करना पड़ा लेकिन कई महिला खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ में अपनी अलग छाप छोड़ी।
मुंबई. बर्मिंघम में संपन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में इंडियन वुमेन क्रिकेट टीम ने इतिहास दर्ज किया है। गोल्ड के लिए हुआ मुकाबला टीम ने भले नहीं जीता लेकिन करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल जरूर जीत लिया। सिल्वर मेडल जीतने वाली इस टीम की महिला खिलाड़ियों ने भी अपने खेल से प्रभावित किया। इन्हीं में से एक हैं भारतीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह, जिनकी तारीफ में पीएम मोदी ने दिल को छू लेने वाली बातें कहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा
पीएम मोदी ने टीम के साथ मुलाकात के दौरान भारतीय महिला टीम की जमकर तारीफ की। उन्होंने तेज गेंदबाजी में कमाल दिखाने वाली रेणुका सिंह के बारे में कहा- सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है लेकिन रेणुका की स्विंग को तोड़ अभी भी किसी के पास नहीं है। दिग्गजों के बीच टॉप विकेट टेकर रहना कोई कम उपलब्धि नहीं है। इनके चेहरे पर भले ही शिमला जैसी शांति रहती हो, पहाड़ों की मासूम मुस्कान रहती हो लेकिन उनकी आक्रामकता बड़े-बड़े बल्लेबाजों का हौंसला पस्त करती है। ये प्रदर्शन निश्चित रूप से दूर-दराज के क्षेत्रों में बेटियों को प्रेरित व प्रोत्साहित करेगा।
रेणुका ने कैसा किया प्रदर्शन
कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कॉमनवेल्थ टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट झटके हैं। रेणुका ने 5 मैच खेले और 11 विकेट लिए, जिसमें उनकी इकोनामी रेट 5.47 की रही। रेणुका ने ऑस्ट्रेलिया और बारबाडोस टीमों के खिलाफ 4-4 विकेट चटकाने का भी कारनामा किया। यह रिकॉर्ड पहले भारतीय गेंदबाज झूलन गोस्वामी के नाम था। रेणुका 4-4 विकेट लेने वाली दूसरी गेंदबाज बन गई हैं। कई मौकों पर उन्होंने टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कौन हैं रेणुका सिंह ठाकुर
रेणुका सिंह का जन्म 1 फरवरी 1996 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। इनके पिता का नाम केहर सिंह ठाकुर है, जिनकी मृत्यु इनके जन्म के 3 साल बाद ही हो गई थी। उन्होंने अपने पिता की याद में हाथ पर टैटू भी बनवाया है। पिता ने ही बेटी को खिलाड़ी बनाने का सपना देखा था, जिसे 26 वर्षीय रेणुका सिंह पूरा कर रही हैं। रेणुका के भाई विनोद को भी क्रिकेट से लगाव था लेकिन मां दोनों का खर्च नहीं उठा पा रही थी, इसलिए भाई ने क्रिकेट छोड़ दिया और रेणुका प्रैक्टिस करने लगीं। उन्होंने हिमाचल के लिए शानदार खेल दिखाकर नेशनल टीम में जगह पाई है।
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