सार
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है और कई खिलाड़ी इस दौरान अपने साथी खिलाड़ियों के साथ लाइव चैट कर रहे हैं। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने इस दौरान बताया कि 2015 वर्ल्डकप के पहले मैच में ही उनका घुटना टूट गया था। इसके बाद भी उन्हें पूरा वर्ल्डकप खेलना पड़ा। इस टूर्नामेंट में वो भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज थे।
रोज खाता था 3 पेन किलर्स- शमी
इरफान के साथ लाइव चैट में मोहम्मद शमी ने बताया कि वर्ल्डकप के पहले मैच में ही उनके घुटने में चोट लग गई थी। घुटने और जांघ का साइज लगभग एक समान हो गया था। डॉक्टर रोज घुटने से फ्लुइड निकालते थे। उन्हें रोज 3 पेनकिलर्स भी खानी पड़ती थी, पर शमी भारत के लिए खेलते रहे। मैच के बाद उनसे चलते भी नहीं बन रहा था। इसके बाद भी उन्होंने टूटे हुए घुटने के साथ पूरा वर्ल्डकप खेला और भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बने।
पार्ट टाइम गेंदबाज से बॉलिंग नहीं करा सकता- धोनी
शमी ने बताया कि वर्ल्डकप के सेमीफाइनल मैच में वो गेंदबाजी करने की हालत में नहीं थे। उनके पैर में बहुत दर्द हो रहा था। उन्होंने कप्तान धोनी से बताया कि वो अब गेंदबाजी नहीं कर सकते। इस पर धोनी ने कहा कि पार्ट टाइम गेंदबाज से बॉलिंग नहीं करा सकता। तुम 60 से कम रन देना। इसके बाद शमी ने उस मैच में भी अपना स्पेल पूरा किया था। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने इस मैच में काफी ज्यादा रन खर्च कर दिए थे और बैटिंग ऑर्डर दबाव में आकर बिखर गया था।
अफगानिस्तान के खिलाफ यूं पूरी हुई थी हैट्रिक
शमी ने बताया कि अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में भारत पर हार का खतरा मंडरा रहा था। आखिरी ओवर में गेंद उनके हाथ में थी। हालांकि उनके पास रन ठीक ठाक थे और अफगानिस्तान के पास ज्यादा बल्लेबाज नहीं थे। ओवर की तीसरी गेंद में छक्का लगाने के चक्कर में मोहम्मद नबी हार्दिक पांड्या को कैच थमा बैठे। अगली गेंद उन्होंने सटीक यॉर्कर फेंकी और बल्लेबाज के पास कोई जवाब नहीं था। शमी मैच का तीसरा और लगातार दूसरा विकेट ले चुके थे। उनके पास हैट्रिक का मौका था। धोनी उनके पास आए और पूछा कि दिमाग में क्या चल रहा है। शमी ने जवाब दिया मुझे बस डंडियां दिख रही हैं। धोनी बोले बिल्कुल सही सोच रहे हो बस गेंद तेज फेकना। शमी ने वैसा ही किया और मुजीब कुछ कर पाते इससे पहले उनके स्टंप्स उखड़ गए। वर्ल्डकप में हैट्रिक शमी के नाम थी।