सार

भारत को मैच जीतने के लिए 271 रनों का लक्ष्य मिला था। लेकिन भारत एक पर एक विकेट गंवाकर 12 रन से मैच हार गया था। दूसरी पारी में सचिन ने 136 रन बनाए।

स्पोर्ट्स डेस्क। भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए हर मैच की अहमियत होती है। लेकिन चेन्नई टेस्ट एक ऐसा मैच है जिस पर अक्सर चर्चा होती है। भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 में चेन्नई में खेले गए मैच को लेकर पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वकार यूनिस ने फिर बात की है। वकार ने एक पोडकास्ट में कहा कि सचिन के रहते हमें जीत का बिल्कुल भी भरोसा नहीं था। 

वकार ने कहा, "हम यही सोच रहे थे, ऐसा होने वाला नहीं है, हम इस मैच को जीतने नहीं जा रहे हैं। जब तक सचिन हैं, तब तक यह (पाकिस्तान की जीत) नहीं होगा।" चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में विकेटकीपर बल्लेबाज नयन मोंगिया ने सचिन के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 136 रन जोड़े थे। मोंगिया के आउट होने के बाद अब पाकिस्तान और जीत के बीच सिर्फ सचिन खड़े थे। भारत को मैच जीतने के लिए 271 रनों का लक्ष्य मिला था। लेकिन भारत एक पर एक विकेट गंवाकर 12 रन से मैच हार गया था।  उस मैच में सचिन और मोंगिया को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज दूसरी पारी में 10 से ज्यादा रन नहीं बना पाया था। 

पाकिस्तान के सामने खड़े थे सचिन 
वकार ने कहा कि "मुझे बिल्कुल भी इस बात का पता नहीं था कि सचिन उस वक्त (मोंगिया के आउट होने के बाद) क्या सोच रहे थे। भारत के अभी चार विकेट बाकी थे और उन्हें जीत के लिए सिर्फ 16 रनों की जरूरत थी। जिस तरह से सचिन खेल रहे थे, वह इस दुनिया से बाहर थे।" 

चेन्नई टेस्ट को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं वकार 
"अगले ही ओवर में सचिन ने सकलैन मुश्ताक को हवा में एक चौका मारा। उनके इस चौके के बाद हमने यह कहना शुरू कर दिया कि हम उन्हें 15-16 रन नहीं बनाने देंगे जो जरूरी भी था।" वकार के मुताबिक बाद में सकलैन मुश्ताक भारत पर हावी हो गए और टीम इंडिया ने एक पर एक कुछ ही ओवरों में ही सभी चार विकेट गंवा दिए। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने कहा, "मैंने जो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट देखे उनमें से एक यह था, जिसे मैंने खेला और देखा।" दूसरी पारी में सचिन ने 136 रन बनाए। वो मुश्ताक की गेंद पर आउट हुए। मुश्ताक ने टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर 10 विकेट हासिल किए थे। 

भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन थे जबकि पाकिस्तान टीम के कप्तान वसीम अकरम थे।