केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि दिल्ली सरकार बच्चों के भविष्य से खेल रही है

नई दिल्ली: केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि दिल्ली सरकार बच्चों के भविष्य से खेल रही है।

पुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली सरकार बच्चों के भविष्य से खेल रही है और शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने के बाद ख़ुशियाँ मना रही है। उन्होंने (दिल्ली सरकार) अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए झूठ का पुलिंदा खोल रखा है। स्कूलों में उत्तीर्ण होने वाले बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आयी है।’’

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दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) राष्ट्रीय राजधानी में विश्वस्तरीय शिक्षा मॉडल लागू करने को केजरीवाल सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है।

पुरी ने आप सरकार के दावों पर छात्रों के उत्तीर्ण होने के आंकड़ों के हवाले से सवाल खड़े करते हुये पूछा, ‘सेकंडेरी स्कूल की परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों का आंकड़ा 2014 में 99.4% से घटकर 2018 में 68.9% हो गया। क्या यह गर्व करने की बात है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘समीक्षा में पाया गया के कक्षा तीन, पांच और आठवीं के छात्रों की शिक्षा का स्तर राष्ट्रीय औसत से 10% कम है और वो लोग (दिल्ली सरकार) इसको सफलता कहते हैं।’’

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पुरी ने कहा, ‘‘छात्रों की पूरी क्षमता निखर नहीं पा रही है क्योंकि इनमें से एक तिहाई स्कूलों में साइंस स्ट्रीम का विकल्प ही नहीं है। विचलित करने वाली बात तो यह है कि राज्य सरकार की कुछ नीतियों के कारण कई निजी स्कूल बंद हो गए हैं। इससे वे बच्चे अधर में रह गए हैं जो साइंस पढ़ना चाहते थे।’’

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पुरी ने दिल्ली के नगर निगमों (एमसीडी) में बदहाली के लिये भी दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने शहर की शिक्षा प्रणाली और एमसीडी स्कूलों के टीचरों के मनोबल को तहस नहस कर दिया है। एमसीडी, शिक्षा पर जो पैसे खर्च करती है उसका 70% हिस्सा दिल्ली सरकार से वापस मिलना होता है। परंतु रोड़ा अटकाने की आदत के कारण उन्होंने (दिल्ली सरकार) यह पैसा भी रोक रखा है।’’

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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नगर निगमों पर दिल्ली सरकार के बकाये के आंकड़ो के हवाले से कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के पास उत्तरी एमसीडी के 3,941 करोड़ रुपये, पूर्वी एमसीडी के 569 करोड़ रुपये और दक्षिणी एमसीडी के 223 करोड़ रुपये बकाया हैं।’’ पुरी ने कहा, ‘‘इसके कारण एमसीडी के अध्यापकों को वेतन, 7वें वेतन आयोग के बकाये और अन्य सुविधाएँ नहीं दे पा रही है। नतीजा, स्कूलों में केवल 57% अध्यापक हैं। क्या इसी को यह सफलता कहते हैं?’’

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उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आगामी आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आप और भाजपा के बीच सोशल मीडिया सहित अन्य मंचों पर आरोप प्रत्यारोप की जुबानी जंग जारी है। भाजपा की ओर से पुरी सहित अन्य केन्द्रीय मंत्री दिल्ली सरकार के पांच साल के दावों को खोखला बताते हुये आप पर तीखे हमले कर रहे हैं।