सार
दिल्ली के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस की सूपड़ा साफ हो चुका है। पिछले विधानसभा चुनावों में एक भी सीट न जीत पाने वाली कांग्रेस इस बार भी कोई कमाल नहीं कर सकी और पार्टी के 70 में से 67 प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई।
नई दिल्ली. दिल्ली के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस की सूपड़ा साफ हो चुका है। पिछले विधानसभा चुनावों में एक भी सीट न जीत पाने वाली कांग्रेस इस बार भी कोई कमाल नहीं कर सकी और पार्टी के 70 में से 67 प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई। कांग्रेस की लगातार दूसरी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने कहा कि एक बार फिर केजरीवाल दिल्ली की जनता को गुमराह करने में सफल रहे।
दिल्ली में लगातार तीसरी बार अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। पिछले बार के मुकाबले इस बार आम आदमी पार्टी की सीटों में कमी आई है, इसके बावजूद पार्टी राज्य में 62 सीटें जीतने में कामयाब रही है। वहीं भाजपा ने पिछली बार की तुलना में अपने प्रदर्शन में मामुली सुधार किया है। अबकी बार भाजपा को 8 सीटें नसीब हुई हैं। जबकि कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है।
हार पर केजरावाल को कोसा
दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाश चोपड़ा ने राज्य में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि एक बार फिर अरविंद केजरीवाल राज्य की जनता को गुमराह करने में कामयाब हुए। शीला दीक्षित की सरकार को सराहते हुए उन्होंने कहा कि जितना विकास उन 15 सालों में समय हुआ, उतना आज तक नहीं हुआ। केजरीवाल ने 3 हजार करोड़ रुपये विज्ञापन में खर्च दिए। दिल्ली की हार पर कांग्रेस को आत्ममंथन नहीं बल्कि नेतृत्व में परिवर्तन करने की जरूरत है।