सार
Gujarat Assembly Election 2022: एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने गुजरात में 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच एक लाख 82 हजार 557 वोटर्स से विभिन्न मुद्दों पर बात की। इसमें कांग्रेस के लिए जो संकेत दिख रहे, वे अच्छे नहीं है।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखें अभी सामने नहीं आई हैं, मगर संभवत: एक या दो दिन में चुनाव आयोग इसका ऐलान कर सकता है। इससे पहले, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस तथा अन्य छोटी पाटियों ने वहां प्रचार शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा एक्टिव मोड में जो पार्टी वहां चुनाव प्रचार कर रही है, उसमें आप और भाजपा शामिल है। दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता वहां कई बड़ी जनसभाएं कर चुके हैं, मगर कांग्रेस के बड़े नेता वहां से नदारद हैं और इसका खामियाजा पार्टी को संभवत: आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। असल में एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने गुजरात के सभी 182 विधानसभा सीटों पर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण किया था। इसमें कांग्रेस को लेकर जो लोगों की राय सामने आई है, वह पार्टी और पार्टी हाईकमान दोनों के लिए अच्छी नहीं है।
कांग्रेस राज्य में लंबे समय से सत्ता में नहीं है। भाजपा 27 साल से यहां लगातार काबिज है। इस बार भी पार्टी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट में बंपर वोट शेयर और रिकॉर्ड सीट के साथ सत्ता में सातवीं बार वापसी करती दिख रही है। आम आदमी पार्टी को वोट मिलेंगे, मगर उतने नहीं कि वह सत्ता में आ पाए। केजरीवाल अभी जनता का भरोसा जीतते नहीं दिख रहे। दूसरे के वोट शेयर लेकर वह लगभग एक दर्जन सीट पा जरूर सकते हैं, मगर रहेंगे तीसरे नंबर पर।
भाजपा को 48, कांग्रेस को 31 और आप को 16 प्रतिशत वोट शेयर
एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने गुजरात में विधनसभा चुनाव से पहले प्री-पोल सर्वे किया, जिसमें भाजपा को 48 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 133 से 143 सीट मिलती दिख रही है। भाजपा ने इससे पहले कभी इतनी सीट और इतना वोट शेयर हासिल नहीं किया था। कांग्रेस को 31 प्रतिशत वोट शेयर मिल रहे हैं और यह पिछले चुनाव से करीब 10 प्रतिशत कम है। वह इस बार 28 से 37 सीट के बीच सिमटती नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी जरूर खाता खोल रही है और वह भी सबके वोट शेयर खाकर। पार्टी को 16 प्रतिशत वोट शेयर मिल सकते हैं और इसके साथ ही वह 5 से 14 सीट पर जीत भी दर्ज कर सकती है। कांग्रेस के साथ-साथ दूसरी छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों को भी जबरदस्त नुकसान हो रहा है। 5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ अन्य को 1 से 3 सीट मिल सकती है, मगर उनके लिए बुरी खबर ये है कि 5 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान उन्हें भी हो रहा है।
वोटर्स से इन मुद्दों पर पूछे गए सवाल
यह प्री-पोल सर्वे 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच आयोजित हुआ। राज्य की सभी 182 विधानसभा सीट पर 1 लाख 82 हजार 557 वोटर्स से बात हुई। पीने के पानी, बिजली, सड़क, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, ड्रेनेज-सीवेज, महंगाई, परिवहन, उद्योग, कृषि, शिक्षा स्वास्थ्य, बाजार और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर हर विधानसभा क्षेत्र से एक हजार लोगों से सवाल पूछे गए। इसमें विभिन्न उम्र, वर्ग, लिंग, जाति, रोजगार और क्षेत्र के लोग शामिल किए गए थे।
कांग्रेस के लिए इस चुनाव में खतरनाक संकेत नजर आ रहे हैं। उसे राज्य में अब तक हुए विधानसभा चुनावों में सबसे कम सीट मिलती दिख रही है। आइए जानते हैं लोग इसकी वजह क्या मान रहे-
- कांग्रेस में ठोस नेतृत्व की कमी है।
- पार्टी में बड़े और प्रभावशाली नेता नहीं बचे।
- पटेलों के युवा नेता हार्दिक भी छोड़कर चले गए।
- राज्य में पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं।
- चुनाव गुजरात में है और हाईकमान यहां से गायब।
- भारत जोड़ो यात्रा का लोगों पर कोई खास असर नहीं।
- पार्टी का राजपूत, ब्राह्मण, पटेल और जैन वोट खिसका।
- मुख्यमंत्री पद के लिए कोई मजबूत, कद्दावर नेता नहीं।
- लोगों का मानना है कि राज्य में संगठन खत्म होने की कगार पर।
- महंगाई-बेरोजगारी से लोग BJP से नाराज, कांग्रेस ये फायदा नहीं ले पा रही।
2017 के चुनाव में BJP को 99, कांग्रेस को 77 सीट हासिल हुई
गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के खाते में 77 सीट आई थी। वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को केवल एक सीट और भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 सीट पर जीत मिली थी। इस चुनाव में 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते थे। गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव दो चरण में हुए थे। पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर को 89 सीट पर और दूसरे चरण की वोटिंग 14 दिसंबर को 93 सीट हुई। कुल 68.41 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं, भाजपा को 2012 के विधानसभा चुनाव में 47.9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 115 सीट पर जीत हासिल हुई थी और कांग्रेस ने 38.9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 61 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
जनता दल से गठबंधन टूटने के बाद बहुमत के साथ सत्ता में आई BJP
गुजरात की सत्ता में भाजपा 1995 से अब तक लगातार है। हालांकि, इससे पहले 1990 में भाजपा भाजपा ने जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, मगर 1992 में राम मंदिर आंदोलन के समय यह गठबंधन टूट गया। 2002 के चुनाव में भाजप ने 127 सीटें जीती थीं और यह उसका अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है। यह चुनाव गुजरात में दंगों के बाद हुआ था। दंगे फरवरी 2002 में हुए थे, जबकि चुनाव दिसंबर 2002 में हुए थे। 2007 के चुनाव में पार्टी ने 117 जबकि 2012 के चुनाव में उसे 115 सीट पर जीत हासिल हुई थी।
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