पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर 1304 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनके लिए राज्य के 2,12,75,066 वोटर्स मतदान करेंगे। इनमें 1,00,86,514 महिला मतदाता हैं। 24740 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें से 1051 केंद्र संवेदनशील केंद्र घोषित किए गए हैं।
मतदान कल होगा। चुनाव आयोग की ओर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। 24740 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें से 1051 केंद्र संवेदनशील केंद्र घोषित किए गए हैं। इस बार 315 ऐसे उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं, जिनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज हैं।
आशु बांगड़ को कांग्रेस का टिकट दिए जाने पर सिटिंग विधायक सतकार कौर गैरी पार्टी से नाराज चल रही थीं। चुनाव प्रचार के दौरान भी आशु बांगड़ का कई जगह विरोध हुआ। इसके पीछे बताया यह गया कि सतपाल कौर के इशारे पर आशु बांगड़ का विरोध हो रहा है।
मुस्तफा ने बयान दिया था कि "जहां उसका कार्यक्रम हो, इसके आसपास हिंदुओं को कार्यक्रम की इजाजत दी तो वह ऐसे हालात बना देंगे कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’ वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद मुख्य चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन से मुस्तफा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था।
नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कहा जा रहा है कि विवाद हैं कि उनका पीछा छोड़ ही नहीं रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान वह लगातार विवादों रहे। अब चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद भी विवादों में घिर गए हैं। पिछले साल दिसंबर में सिद्धू ने सुल्तानपुर लोधी में नवतेज सिंह चीमा के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया था।
सीएम चन्नी इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। वे अपनी परंपरागत सीट रूपनगर जिले की श्रीचमकौर साहिब के अलावा बरनाला जिले के भदौर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ रहे हैं। चन्नी चमकौर से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं।
पंजाब में 18 फरवरी को पूरी तरह से प्रचार-प्रसार बंद हो गया है। क्योंकि अब दो दिन बाद ही 20 फरवरी को सूबे की नई सरकार चुनने के लिए जनता वोट डालेगी। लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मुश्किलों में फंस गए हैं। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद पुलिस ने सीएम और मनसा से कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह आम आदमी पार्टी के लिए सिख फॉर जस्टिस का समर्थन पत्र है।
कुमार विश्वास ने कहा कि 2017 में हुए पंजाब विधानसभा के चुनाव के दौरान खालिस्तान समर्थक अरविंद केजरीवाल के घर आते थे। वे लोग बैठकें करते थे। मैंने उन्हें रंगे हाथ पकड़ा था।
पंजाब की राजनीति की समझ रखने वाले इसे अकाली दल का नया पैंतरा बता रहे हैं। उनका कहना है कि क्योंकि सुखबीर बादल की अभी भी उतनी पकड़ पंजाब के मतदाता में नहीं है, जितनी की प्रकाश सिंह बादल की है। सीनियर बादल से पंजाब के मतदाता मन से और सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।