अश्वनी कुमार ने सोनिया गांधी का उस समय बचाव किया था, जब G-23 के नेताओं ने अगस्त 2020 में पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी। अश्विनी कुमार ने तब खुलकर सोनिया गांधी का साथ दिया था और अब उन्होंने अपना इस्तीफा भी सोनिया गांधी को ही भेजा है।