सार

इस बार के विधानसभा चुनाव में कैप्टन बार-बार सिद्धू के पाकिस्तानी कनेक्शन की बात करते हुए घेरने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले इस बात से हैरान थे कि अभी तक आरूसा आलम का जिक्र क्यों नहीं आया। 

चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव के बीच पाकिस्तानी पत्रकार आरूसा आलम (Aarusa Alam) एक बार सुर्खियों में हैं। आरूसा आलम ने शनिवार को एक बयान जारी कर पंजाब की राजनीति को गरमा दिया है। उन्होंने कहा है कि पंजाब (Punjab) में कांग्रेस अपने कर्मों की सजा भुगत रही है। इसके साथ ही उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) को पंजाब का कमजोर सीएम बताया। 

आरूसा ने पाकिस्तान से फोन पर चंडीगढ़ के कुछ मीडियाकर्मियों से बातचीत कर बयान दिया है। उन्होंने सिद्धू पर भी हमला किया और कहा कि वह मुंबई में रहते हैं। मंत्रालय तो उनकी पत्नी नवजोत कौर चलाती थीं। आरूसा आलम की कैप्टन अमरिंदर सिंह से गहरी दोस्ती है। कैप्टन जब सीएम पद से हटे तो डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आरूसा के आईएसआई के साथ कनेक्शन की जांच करवाने का बयान देकर सनसनी फैला दी थी। तब पंजाब की राजनीति में काफी विवाद हुआ था। कैप्टन पर चारों तरफ से हमला होने लगा था। खुद को बचाने के लिए कैप्टन ने आरूसा के वह फोटो सार्वजनिक किए थे, जिसमें आरूसा कांग्रेस के दिग्गजों के साथ खड़ी नजर आ रही थीं। 

कैप्टन के फोटो वाले दांव से कांग्रेस भी बैकफुट पर
इस बार के विधानसभा चुनाव में कैप्टन बार-बार सिद्धू के पाकिस्तानी कनेक्शन की बात करते हुए घेरने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले इस बात से हैरान थे कि अभी तक आरूसा आलम का जिक्र क्यों नहीं आया। आरूसा को लेकर कैप्टन पर विपक्ष खासतौर पर सिद्धू ने कोई कमेंट नहीं किया। इसकी वजह भी यह बताई जा रही है कि जब से कैप्टन ने आरूसा के फोटो कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ सार्वजनिक किए, तब से कांग्रेस इस मसले पर बोलने से बचती है। क्योंकि इससे सीधे तौर पर उंगली कांग्रेस पर उठती है। इसलिए पंजाब की राजनीति में आरूसा का जिक्र करने से कांग्रेसी बचते हैं। लेकिन, अब आरूसा ने खुद ही एंट्री मारी है। 

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चैट को आधार बनाकर खूब चटकारे लेते रहे कैप्टन विरोधी 
कैप्टन और आरूसा की एक चैट भी पंजाब में खासी चर्चा का विषय रही थी। इसमें आरूसा पाकिस्तान से कैप्टन के लिए चीकू और सीताफल भेजने की बात कर रही हैं। यह पुरानी चैट थी, जिसे 2018 में खूब उछाला गया था। 
हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कभी भी इस बात से इंकार नहीं किया कि आरूसा उनकी दोस्त नहीं हैं। वह इसे हर बार स्वीकार करते रहे हैं। साथ ही यह भी तर्क देते रहे कि इसमें बुराई क्या है? वह मेरी दोस्त है तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है। 

कौन हैं आरूसा आलम?
आरूसा पाकिस्तान में रक्षा मंत्रालय की बीट कवर करती रही हैं। आरूसा के पिता एक जमाने में समाजवादी नेता रहे हैं। 1970 के दशक में उनके पिता का पाकिस्तान की राजनीति में खासा दखल भी रहा है। आरूसा की विदेश मामलों में रुचि अपनी माता को देखकर पैदा हुई। बताया जाता है कि उनकी माता की विदेशी मामलों में गहरी रुचि थी। आरूसा जब पत्रकारिता में आई तो उसने रक्षा मंत्रालय को चुना। अगस्ता 90 बी पनडुब्बी सौदे पर उसकी रिपोर्ट काफी चर्चा में रही थी। इस रिपोर्ट की वजह से 1997 में पाक के तत्कालीन नौसेना प्रमुख मंसरुल हक को गिरफ्तार भी किया गया था। 

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यूं हुई कैप्टन से दोस्ती 
आरूसा आलम की कैप्टन से मुलाकात 2004 में हुई। तब कैप्टन पाकिस्तान गए हुए थे। बाद में जालंधर के पत्रकारों ने 2006 में आरूसा को आमंत्रित किया तो यहां कैप्टन के साथ दोस्ती और ज्यादा गहरी हुई। 2006 में कैप्टन के निमंत्रण पर ही आरूसा को भारत का वीजा मिला था। 2010 में आरूसा कैप्टन की किताब द लास्ट सनसेट के विमोचन पर भी भारत आई थीं। 

एक-दूसरे के परिवार को अच्छे से जानते हैं 
कैप्टन और आरूसा का परिवार भी एक-दूसरे को अच्छे से जानता है। आरूसा के दो बच्चे हैं। कैप्टन की पत्नी और सांसद परनीत कौर भी अच्छे से जानती हैं। आरूसा कैप्टन को महाराजा साहब बुलाती हैं। 2017 में कैप्टन ने जब सीएम पद की शपथ ली थी तो आरूसा वीआईपी सीट पर बैठी नजर आई थीं।

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