सार
यह सीट बड़ी दिलचस्प मानी जाती है। यहां मुकाबला रोचक रहता है। इस बार चर्चा इसलिए थी, क्योंकि इस सीट से बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की पत्नी गनीव कौर चुनाव मैदान में है।
मजीठा अमृतसर. करीब सौ से ज्यादा गांव मजीठा विधानसभा क्षेत्र में हैं। हर बार विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भी सियासी नजरे टिकी रहती है। इसकी वजह यह है कि यहां से अकाली दल के बिक्रमजीत सिंह मजीठिया चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार इस सीट से उनकी पत्नी गुनीव कौर चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के जगविंदरपाल सिंह जग्गा और आम आदमी पार्टी के सुखजिंदर राज सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। यह दोनों सगे भाई है।
यह सीट बड़ी दिलचस्प मानी जाती है। यहां मुकाबला रोचक रहता है। इस बार चर्चा इसलिए थी, क्योंकि इस सीट से बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की पत्नी गनीव कौर चुनाव मैदान में है।
राजनीतिक इतिहास यह विधानसभा सीट 1972 में बनी थी। तब कांग्रेस के किरपाल सिंह यहां से विधायक बने थे। तब उन्होंने मात्र 300 वोट से अकाली दल के उम्मीदवार उत्तम सिंह को हरा दिया था। अगले चुनाव में 1977 में अकाली दल के प्रकाश सिंह ने किरपाल को हराया। 1980 भी वह विजयी रहे। लेकिन अगली बार 1985 में कांग्रेस के टिकट पर सुरिंदर पाल ने जीत दर्ज की।
1992 में तो इस सीट पर कमाल ही हो गया, आजाद उम्मीदवार रंजीत सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर पाल को हरा दिया। अकाली दल तो तब यहां से मात्र 800 वोट मिली थी। 1997 में अकाली दल ने फिर इस सीट पर कब्जा करते हुए प्रकाश सिंह को तीन हजार वोट से हराया। 2002 में कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा किया। लेकिन 2007 के बाद से 2017 तक इस सीट पर बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का कब्जा रहा। उन्होंने यहां से तीन बार लगातार जीत हासिल की है।
इसलिए खास है सीट बिक्रमजीत सिंह मजीठिया इस सीट को अपनी पारंपरिक सीट बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी को ध्यान में रख कर वह यहां लगातार काम करते रहे हैं। यह भी एक वजह है कि जब वह अमृतसर सीट से चुनाव लड़ने गए तो इस सीट से अपनी पत्नी को अकाली दल का टिकट दिया था।