सार

एक नेशनल टीवी न्यूज चैनल को इंटरव्यू में कांग्रेस के सीनियर लीडर रहे बलराम जाखड़ के पुत्र व पंजाब राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर एक नायक की तरह पेश किया था।

नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में सत्ता जाने के बाद कांग्रेस लगातार मंथन कर रही है। उधर, राज्य के नेताओं ने भी मुखर होकर मोर्चा खोल दिया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने राज्य में कांग्रेस की हार के लिए चरणजीत सिंह चन्नी और प्रभारी हरीश रावत को जिम्मेदार करार दिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस नेतृत्व ने चन्नी को कमान सौंपी लेकिन वह पंजाब के लोगों के हित की सोचने की बजाय खुद और अपने परिवार-रिश्तेदारों के बारे में ही सोचते रह गए। सबकुछ सेंट्रलाइज कर वन मैन आर्मी बनने की कोशिश में पंजाब हारना पड़ा। 

चन्नी को चाल, चरित्र से खुद को साबित करना था

एक नेशनल टीवी न्यूज चैनल को इंटरव्यू में कांग्रेस के सीनियर लीडर रहे बलराम जाखड़ के पुत्र व पंजाब राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर एक नायक की तरह पेश किया था। उनको चाल, चरित्र से खुद को साबित करना था। लेकिन वह खुद को अपने ऊपर लग रहे आरोपों को गलत साबित करने में असफल रहे। चुनाव से हफ्तों पहले, श्री चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उनके घर पर बड़ी मात्रा में नकदी का खुलासा हुआ था। हनी पर अवैध बालू खनन से पैसा बनाने का आरोप था। श्री चन्नी ने आरोपों से खुद को दूर किया लेकिन जनता के बीच खुद को साबित नहीं कर सके। सीएम बनने के बाद वह अपने निर्णयों से जनता में विश्वास तक नहीं पैदा कर सके। 

सुनील जाखड़ ने कहा कि पिछले 111 दिनों में इस सरकार के प्रति लोगों की धारणा यह थी कि पूरा कबीला (श्री चन्नी का) काम कर रहा था जैसे कि कल नहीं था। वह हर एक दिन का उपयोग कर रहे थे लेकिन लोगों की चिंता को दूर करने के लिए नहीं बल्कि अपनी खुद की जरूरत को पूरा करने के लिए और अधिक पैसा कमाने के लिए। आम जनता के मन में बनी इस धारणा को वह तोड़ न सके। 

गांधी परिवार को गुमराह किया गया

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की इस हालत के लिए कुछ नेता और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने एक के बाद एक गलत निर्णय लिए और केंद्रीय नेतृत्व को गलत फीडबैक देकर गुमराह किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की स्थिति को संभाला जा सकता था लेकिन हरीश रावत ने एक ऐसी पटकथा लिखी जिससे हालात सुधरने की बजाय बिगड़ते गए। आरोप लगाया कि हरीश रावत एक निर्धारित एजेंडे के साथ पंजाब आए थे। वह नवजोत सिद्धू को स्थापित करने आए थे और पार्टी को गर्त में पहुंचाने में अहम भूमिका करते रहे। चुनाव के चार महीने पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया गया, चन्नी को सीएम बनाया गया।

हरीश रावत ने पार्टी को हरवाया तो खुद उत्तराखंड में हारे

सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब की दुर्दशा के लिए हरीश रावत काफी हद तक जिम्मेदार हैं। वह यहां सत्ता गंवाने के लिए आए थे। आखिरकार उनको उत्तराखंड में किए का फल मिल भी गया। हालांकि, श्री जाखड़ ने कहा कि उनका मानना ​​है कि पंजाब में कांग्रेस के लिए सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी जैसा रैगटैग संगठन लंबे समय तक नहीं चलेगा। लेकिन अगर हमें जीतना है तो हमें यहां एक विश्वसनीय चेहरा रखना होगा।"

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