सार
मायावती ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 65वीं पुण्यतिथि पर एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और यह सरकार 2007 में बनी स्पष्ट बहुमत की उसकी सरकार के मुकाबले ज्यादा मजबूत होगी।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने सोमवार को दावा किया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों (Vidhansabha Election 2022)में उनकी पार्टी 2007 से भी अधिक मजबूत सरकार बनाएंगी। उन्होंने कहा कि संविधान को सड़कों पर उतरकर नहीं, बल्कि सत्ता परिवर्तन करके बचाया जा सकता है। मायावती ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 65वीं पुण्यतिथि पर एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और यह सरकार 2007 में बनी स्पष्ट बहुमत की उसकी सरकार के मुकाबले ज्यादा मजबूत होगी।
उत्तराखंड में बसपा अकेले लड़ेगी चुनाव
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तराखंड में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी और पंजाब में गठबंधन की मजबूत सरकार बनाएगी। उत्तराखंड में बसपा सभी सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा।
परिवर्तन हो जाएगा, तो संविधान बच जाएगा: मायावती
जब मायावती से यह सवाल किया गया कि संविधान बचाने के लिए बसपा सड़कों पर कब उतरेगी, तो उन्होंने कहा कि सड़कों पर उतरने से काम नहीं चलेगा, सत्ता परिवर्तन करने से चलेगा। जब सत्ता परिवर्तन हो जाएगा, तो संविधान बच जाएगा। आम्बेडकर के विरोधी लोग सत्ता में बैठे हैं तो हम सड़कों पर उतर कर क्या करेंगे। समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मायावती ने कहा, ‘जब ऐसा कोई कानून आएगा, तभी सवाल पूछिएगा। आप केंद्र सरकार को तैयार कर रहे हैं कि वह जल्द यह कानून ले आए।’
मायावती ने सपा और बीजेपी पर साधा निशाना
मायावती ने रविवार को चंदौली में सपा (समाजवादी पार्टी) कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस कर्मियों से कथित रूप से दुर्व्यवहार किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, विजय रथ यात्रा निकाल रही इस पार्टी को चुनाव में जीत भी नहीं मिली है, लेकिन उसका अभी से यह हाल है। सपा चाहे किसी से भी गठबंधन कर ले, लेकिन जनता को मालूम है कि उसके शासनकाल में गुंडागर्दी चरम सीमा पर थी।
मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा चाहे कानून का राज होने के कितने भी दावे करे, मगर हकीकत यह है कि कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब प्रदेश के तमाम जिलों में कमजोर वर्गों पर किसी न किसी रूप में ज्यादती न होती हो। मायावती ने आम्बेडकर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दलित तथा वंचित वर्गों के लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए समर्पित कर दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान बनाने का मौका मिलने पर आम्बेडकर ने इन वर्गों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कानूनी अधिकार दिये, मगर केंद्र और राज्य सरकारों की जातिवादी मानसिकता की वजह से उन्हें इन अधिकारों का पूरा लाभ नहीं मिल पाया।
मायावती ने आरोप लगाया कि देश में संकीर्ण और जातिवादी सोच रखने वाली ऐसी पार्टियां और संगठन भी हैं जिन्होंने आम्बेडकर की मानवतावादी सोच और संघर्ष का हमेशा विरोध किया और उनकी घोर उपेक्षा भी की, लेकिन अब वे अपने राजनीतिक हित के लिए दिखावटी और बनावटी प्रेम दिखाकर उन्हें मजबूरी में याद कर रहे हैं। साथ ही उन्होने कहा कि दुख इस बात का है कि कुछ संगठन अपने निजी स्वार्थों के लिए खासकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों तथा अन्य उपेक्षित वर्गों के मतों को बांटकर बाबा साहेब के आंदोलन को कमजोर करने में लगे रहते हैं।