Farmer's Day: मदर इंडिया, दो बीघा ज़मीन, लगान, पीपली लाइव, उपकार और लापता लेडीज जैसी मूवी ने किसान, खेती और ग्रामीणों के संघर्ष को  बकायदा उभारा है। ये फिल्में ग्रामीण परिवेश की खूबसूरत भी पेश करती है।   

Farmer's Day:: 23 दिसंबर को Farmer's Day सेलीब्रेट किया जा रहा है। अन्नदाता के प्रति हम सभी के मन में गहरा सम्मान है। बॉलीवुड फिल्मों में भी किसान, खेती, जमीन और ग्रामीण परिवेश को खूब शामिल किया गया है। 2000- 2010 के दशक तक ज्यादातर फिल्मों में हीरो- हीरोइन का घर गांव में दिखाया जाता था। यहां हम उन चुनिंदा मूवी के बारे में आपको बता रहे हैं। जिसका मेन सब्जेक्ट किसानी रहा है।

किसानों, खेती और ग्रामीण जीवन पर कई प्रमुख हिंदी फिल्में बनी हैं, जिनकी जानकारी आधिकारिक सार-सूत्रों में मिलती है। नीचे कुछ अहम फिल्मों का शॉर्ट डिटेल दिया जा रहा है।

​मदर इंडिया (1957)

नर्गिस के लीड रोल वाली ये मूवी कल्ट क्लासिक फ़िल्म का दर्जा पा चुकी है। इसकी पूरी कहानी खेती- किसानी के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें किसान महिला अपनी जमीन के लिए संघर्ष करती है। वो हर हाल में अपना आत्मसम्मान को भी जिंदा रखती है। इसमें और ज़मींदारी शोषण की कहानी भी दिखाई गई है। वहीं एक किसान की जीवटता का दर्शन भी ये फिल्म कराती है। इसे भारत की सबसे आइकॉनिक ग्रामीण फ़िल्म माना जाता है।

दो बीघा ज़मीन (1953)

बिमल रॉय की क्लासिक फिल्म दो बीघा ज़मीन एक गरीब किसान शंभू की कहानी दिखाती है, जो कर्ज में डूबी जमीन को छुड़ाने के लिए शहर का रुख करता है। यहां आकर वो जल्द से जल्द से इतना पैसा कमाना चाहते है, जिसे अपने गांव ले जाकर साहूकार से अपनी जमीन वापस हासिल कर सके।

लगान (2001)

आमिर खान प्रोडक्शन की यह पीरियड स्पोर्ट्स ड्रामा का मूल सब्जेक्ट खेती-किसानी ही है। किसान सूखे से परेशान है, वहीं ब्रिटिश राज के दौर में लगान बढ़ता ही जा रहा है, इससे बचने के लिए ग्रामीण अपनी टीम बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ क्रिकेट खेलते है। गेम जीते पर उनका तीन साल का लगान माफ हो जाता है।

​पीपली लाइव (2010)

अनुषा रिज़वी निर्देशित यह व्यंग्यात्मक मूवी पीपली गांव के गरीब किसान नाथा की कहानी है, जो कर्जकी वजह से जमीन गंवाने की कगार पर पहुंच जाता है। नाथा के सुसाइड करने की खबर मीडिया और राजनीतिक गलियारों में खूब सुर्खियां बटोरती है। ये फिल्म किसान आत्महत्या, सरकारी मुआवज़ा और मीडिया का इन सभी विषयों को भुनाने और संवेदनहीनता पर कटाक्ष करती है।

​उपकार

मनोज कुमार द्वारा लिखित उन्ही के द्वारा निर्देशित इस मूवी में किसान और जवान दोनों को बराबर फुटेज दिया गया है। जय जवान- जय किसान नारे पर बनी पर ये फिल्म आज भी उतनी ही पसंद की जाती है। वहीं मदर इंडिया, दो बीघा जमीन, पीपली लाइव जैसी फिल्में किसानों की समस्याओं को दिखाता ही।

लापता लेडीज

आमिर खान प्रोडक्शन की मूवी को किरण राव ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म का मूल विषय खेती है, जहां जया नाम की लड़की खेसी किसानी की शिक्षा लेने के लिए प्रपंच रचती है। आखिरकार उसे आसपास वालों का सपोर्ट मिलता है। और वे मॉर्डन फॉर्मिंग की पढ़ाई के लिए दूसरे स्टेट जाती है।