सार
रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने आदिपुरुष के डायरेक्टर ओम राउत जमकर सुनाई खरी खोटी है। उनका कहना है कि इस फिल्म में पूरे फैक्ट्स को ही गलत तरीके से दिखाया गया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क. पॉपुलर टेलीविजन शो रामायण बनाने वाले रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने हाल ही एक इंटरव्यू के दौरान डायरेक्टर ओम राउत की 'आदिपुरुष' को गलत तरीके से दिखाने पर नाराजगी जाहिर की है। प्रेम सागर का कहना है कि उन्होंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन जितना टीजर और ट्रेलर देखा है, उतना देखने के बाद उन्हें इसके डॉयलाग्स टपोरी स्टाइल के लगे। ऐसा लगा जैसे ओम राउत ने 'आदिपुरुष' के जरिए मार्वल बनाने की कोशिश की है।
प्रेम सागर ने कहा कि उनके पिता रामानंद सागर ने भी रामायण बनाते वक्त क्रिएटिव फ्रीडम का इस्तेमाल किया था, लेकिन उन्होंने भगवान राम को समझा। कई ग्रंथों को पढ़ने के बाद उन्होंने इसमें छोटे-मोटे बदलाव किए, लेकिन कभी भी फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं की।
'आदिपुरुष' में रावण को विलेन के रूप में पेश नहीं करना चाहिए था
प्रेम सागर ने आगे रावण के रूप में सैफ अली खान के डार्क लुक पर रिएक्ट करते हुए कहा, 'रावण बहुत विद्वान और ज्ञानी व्यक्ति था और उसे विलेन के रूप में पेश नहीं किया जाना चाहिए। ग्रंथों के अनुसार, रावण ने इतनी तबाही इसलिए मचाई क्योंकि वह जानता था कि वह भगवान राम के हाथों ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है।'
भगवान राम भी रावण को मानते थे विद्वान
शास्त्रों में यह भी लिखा है कि भगवान राम स्वयं रावण को बड़ा विद्वान मानते थे। जब रावण मरने वाला था, तब भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को रावण के चरणों में जाने और उससे सीखने के लिए भेजा था। प्रेम सागर ने इस बारे में आगे बात करते हुए कहा, ‘रावण का स्टेटस ऐसा था। आप उसे विलेन के रूप में पेश नहीं कर सकते हैं।’
आदिपुरुष में सारे फैक्ट्स ही बदल गए हैं
जब प्रेम सागर को आगे बताया गया कि आदिपुरुष को आज की जेनेरेशन को ध्यान में रखकर बनाया गया है तो उन्होंने कहा, 'अगर आपने आज की रामायण बनाई है तो उसे ब्रीच कैंडी और कोलाबा में दिखाइए, इसे दुनिया भर में मत दिखाइए, जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे।' उन्होंने कहा कि कृत्तिवासी और एकनाथ सहित कई लोगों ने रामायण लिखी, लेकिन किसी ने भी इसके कंटेंट के साथ छेड़ छाड़ नहीं की है। उन्होंने इसमें केवल रंग और भाषा को ही बदला, लेकिन आदिपुरुष में सारे फैक्ट्स ही बदल गए हैं।
प्रेम सागर से जब आगे पूछा गया कि क्या वो रामायण पर वेब सीरीज या फिल्म बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो प्रेम सागर ने कहा, 'पापाजी ने कहा था कि 85 साल तक ऐसी रामायण कोई नहीं बना पाएगा। उन्होंने लोगों को मर्यादा पुरुषोत्तम की कहानी सुनाई और चले गए।