वो सबसे महंगी फिल्म, जो ऐसी डिजास्टर हुई कि मेकर्स की प्रॉपर्टी तक बिक गई
बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्मों में से एक 'रूप की रानी चोरों का राजा' के फ्लॉप होने के पीछे क्या राज़ था? जानिए अनिल कपूर, श्रीदेवी और जैकी श्रॉफ स्टारर इस फिल्म से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें।
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अनिल कपूर, श्रीदेवी और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकारों से सजी फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' की रिलीज को 32 साल हो गए हैं। यह फिल्म 16 अप्रैल 1993 को रिलीज हुई थी, जिसका निर्देशन सतीश कौशिक ने किया था। यह उस ज़माने की सबसे महंगी फिल्म थी। जानिए फिल्म से जुड़ी डिटेल...
'रूप की रानी चोरों का राजा' का निर्देशन पहले 'मिस्टर इंडिया' फेम शेखर कपूर कर रहे थे। कथिततौर पर उन्होंने बीच में ही यह फिल्म छोड़ दी थी। क्योंकि उन्हें लगा कि इस फिल्म की कहानी में आत्मा की कमी है। उनके बाद सतीश कौशिक ने फिल्म के डायरेक्शन का जिम्मा संभाला, जो इससे पहले तक शेखर कपूर को असिस्ट कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 'रूप की रानी चोरों का राजा' का निर्माण तकरीबन 9-10 करोड़ रुपए में हुआ था। इस तगड़े बजट ने इसे उस वक्त की सबसे महंगी फिल्म बना दिया था। कहा जाता है कि इस फिल्म में फंडिंग करने के लिए उस वक्त अनिल कपूर ने दनादन कई फ़िल्में साइन की थीं।
जब 'रूप की रानी चोरों का राजा' रिलीज हुई तो यह बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। कहा जाता है कि दर्शक इस फिल्म से कनेक्ट नहीं हो पाए थे। इसके चलते वे फिल्म देखने नहीं पहुंचे और इसे तगड़ा घाटा उठाना पड़ा। प्रोड्यूसर बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर ने एक बातचीत में बताया था कि उनके पिता कर्ज में डूब गए थे और इससे उबरने में उन्हें चार साल का वक्त लगा था। कहा जाता है कि बोनी के बैंक अकाउंट खाली हो चुके थे और उन्हें कर्ज चुकाने के लिए अपनी प्रॉपर्टीज बेचनी पड़ी थीं।
गलाता इंडिया से एक बातचीत में बोनी कपूर ने बताया था कि 'रूप की रानी चोरों का राजा' के बाद उनकी अगली फिल्म 'प्रेम' भी फ्लॉप हो गई थी, जिसके हीरो उनके छोटे भाई संजय कपूर थे। दोनों फिल्मों की विफलता ने उन्हें 12 करोड़ रुपए के कर्ज में धकेल दिया था।
बात 'रूप की रानी चोरों का राजा' की करें तो इसके राइटर जावेद अख्तर थे और उन्होंने रिलीज से पहले यह कहा था कि अगर फिल्म फ्लॉप हुई तो वे उसकी जिम्मेदारी लेंगे। मीडिया के लोगों ने जावेद अख्तर को फिल्म के फ्लॉप होने की वजह माना था। उनका मानना था कि अख्तर ने घटिया स्क्रिप्ट लिखी थी।
फिल्म के फ्लॉप होने के लिए अनिल कपूर ने खुद को जिम्मेदार माना था। क्योंकि उन्होंने 'मिस्टर इंडिया' के बाद इस फिल्म के लिए हां कहा और इसे थिएटर्स तक पहुंचने में 6 साल का लंबा वक्त लग गया था। फिल्म के फ्लॉप होने की सबसे बड़ी वजह यह भी थी कि इसे उस वक्त की हिट जोड़ी अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ की फिल्म बताकर प्रमोट किया गया। लेकिन जैकी की भूमिका इसमें गेस्ट अपीयरेंस जैसी थी, जिससे दर्शकों को धोखे जैसा महसूस हुआ।
अनिल कपूर ने फिल्म के प्रीमियर के दौरान ही मुस्कराते हुए अमिताभ बच्चन और सुभाष घई से कहा था कि यह फ्लॉप होगी। हालांकि, घई ने उन्हें अपनी फिल्मों 'हीरो' और 'कर्मा' का उदाहरण देते हुए तसल्ली रखने की सलाह दी थी और कहा था कि बड़ी फिल्मों को शुरुआत में निगेटिव रिस्पॉन्स ही मिलता है।
फिल्म की रिलीज के 25 साल बाद 2018 डायरेक्टर सतोष कौशिक ने प्रोड्यूसर बोनी कपूर से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी थी और कहा था कि उन्होंने 'रूप की रानी चोरों का राजा' को बेहद घटिया तरीके से बनाया था।