सार
एंटरटेनमेंट डेस्क. दिग्गज फिल्म स्टार आशुतोष राणा 57 साल के हो गए हैं। 10 नवम्बर 1967 ओ मध्यप्रदेश के गाडरवाड़ा में जन्मे आशुतोष राणा ने अपनी शानदार एक्टिंग से लगभग हर फिल्म में दर्शकों का दिल जीता है। लेकिन उनके करियर के सबसे अच्छे परफॉर्मेंस आज भी फिल्म 'दुश्मन' में निभाया गया गोकुल पंडित और 'संघर्ष' में निभाया गया लज्जा शंकर पांडे के किरदार को ही माना जाता है। 'दुश्मन' आशुतोष राणा के करियर के शुरुआती सालों की फिल्म है। तब तक उन्हें सही से पहचान भी नहीं मिली थी। शायद यही वजह है कि फिल्म राइटर महेश भट्ट ने पहले उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। खुद आशुतोष राणा ने एक बातचीत में इस बात का खुलासा किया था।
'दुश्मन' के लिए पहली पसंद नहीं थे आशुतोष राणा
आशुतोष राणा ने लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म 'दुश्मन' में गोकुल पंडित का रोल निभाने के लिए वे पहली पसंद नहीं थे। उनके मुताबिक़, उन्हें यह किरदार मिलना उम्मीद से परे था। राणा के मुताबिक़, जब महेश भट्ट उनसे मिले तो वे बोले, "जब तुम मुस्कराते हो तो बच्चे जैसे दिखते हो।" उनके मुताबिक़, महेश भट्ट ने उनकी एक्टिंग की बजाय इस बात पर ध्यान दिया कि उनके चेहरे पर मासूमियत है और उन्होंने एक मॉडल को इस रोल के लिए कास्ट कर लिया। हालांकि, बाद में भट्ट ने उनसे इस किरदार के लिए डबिंग कराई।
वो एक रोल, जिसने आशुतोष राणा को ‘दुश्मन’ दिला दी
महेश भट्ट ने भले ही आशुतोष राणा को 'दुश्मन' के लिए रिजेक्ट कर दिया, लेकिन उन्होंने उन्हें अपनी अगली फिल्म 'गुलाम' में एक छोटा सा रोल करने के लिए राजी कर लिया। आशुतोष राणा ने अपने पिता की सलाह मान 'गुलाम' का ऑफर मंजूर कर लिया और उनका यह फैसला उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ। महेश भट्ट ने गुलाम में उनका वह छोटा सा काम देखने के बाद उन्हें 'दुश्मन' में गोकुल पंडित के रोल में कास्ट कर लिया था।
आशुतोष राणा के लिए हटा दी गई थीं ‘दुश्मन’ की तीन रील
किसी वजह से गुलाम के प्रोडक्शन में देरी हुई। इसी बीच अजंता थिएटर में फिल्म का ट्रायल रखा गया। फिल्म में जैसे ही आशुतोष राणा का सीन आया, महेश भट्ट और उनकी बेटी पूजा भट्ट उनकी एक्टिंग के कायल हो गए। दोनों ने तुरंत ही अपना प्लान बदला। 'दुश्मन' की तीन रील शूट हो चुकी थीं, लेकिन महेश भट्ट और पूजा भट्ट ने उन्हें स्क्रैप करने का फैसला लिया और आशुतोष राणा को फिल्म में कास्ट कर लिया।
आशुतोष राणा को नहीं हो रहा था ‘दुश्मन’ मिलने का यकीन
महेश भट्ट ने आशुतोष राणा को बुलाया और ऐलान किया कि वे गोकुल पंडित बन रहे हैं । जब राणा ने यह सुना तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। वे ख़ुशी से उछल पड़े और भट्ट से बोले, "आप सच बोल रहे हैं? मैं जोर से चिल्ला लूं? दुनिया को बता दूं?" राणा ने इसी जोश और जुनून के साथ 'दुश्मन' में कास्ट किए जाने की खबर अपने परिवार को सुनाई। फिल्म में आशुतोष राणा ने गोकुल पंडित का किरदार कुछ इस तरह निभाया कि वे काजोल और संजय दत्त समेत फिल्म के सभी स्टार्स पर भारी पड़ गए थे। आशुतोष राणा को इस फिल्म के लिए बेस्ट विलेन के तौर पर फिल्मफेयर समेत कई अवॉर्ड मिले थे। बता दें कि 1998 में आई 'दुश्मन' का निर्देशन तनुजा चंद्रा ने किया था। महेश भट्ट, सचिन भौमिक और गिरीश धमीजा ने क्रमशः इस फिल्म का स्क्रीनप्ले, स्टोरी और डायलॉग्स लिखे थे। मुकेश भट्ट और पूजा भट्ट ने फिल्म को प्रोड्यूस किया था।
आशुतोष राणा को 'संघर्ष' में लज्जा शंकर पांडे का रोल कैसे मिला?
बताया जाता है कि बतौर राइटर महेश भट्ट ने अपनी फिल्म 'संघर्ष' के लिए विलेन के तौर पर किसी और एक्टर को कास्ट कर लिया था। जब आशुतोष राणा को यह बात पता चली तो उन्होंने भट्ट से कहा कि 'दुश्मन' में उनका काम देखते हुए या तो वे उन्हें सीधे तौर पर रिजेक्ट कर दें या फिर उनका ऑडिशन लें। इस पर भट्ट ने उनसे कहा कि वे मजाक कर रहे थे, क्योंकि काफी दिनों से उन्होंने उन्हें देखा नहीं था। भट्ट ने उनसे यह भी कहा कि यह किरदार उन्होंने उनके लिए ही लिखा था। इस फिल्म के लिए भी निगेटिव रोल के लिए आशुतोष राणा को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।