यह विधेयक बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के 6 अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से जुड़ा है। इसके मुताबिक इन 3 देशों से आने वाले शरणार्थी अगर 6 (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) धर्मों के हैं तो उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी।