मुंबई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 चांद के सफर पर निकल चुका है। 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से इसे लॉन्च किया गया। इसके साथ ही चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो चुकी है। भारत के चंद्रयान-2 मिशन का बजट 978 करोड़ रुपए है। वैसे, देखा जाए तो हॉलीवुड में इससे करीब 3 गुना ज्यादा बजट वाली फिल्में बन चुकी हैं। हालांकि भारत के चंद्रयान-2 मिशन का बजट भले ही इन फिल्मों से सस्ता है लेकिन कई मायनों में यह इनसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
भारत ही नहीं, दुनिया के लिए भी खास…
दरअसल, इस मिशन के साथ कुल 13 पेलोड भेजे जा रहे हैं, जिनमें पांच भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं। आठ पेलोड ऑर्बिटर में, तीन लैंडर विक्रम में जबकि दो रोवर प्रज्ञान में मौजूद रहेंगे। इस मिशन के जरिए चंद्रमा से जुड़ी खोज और जानकारियां जुटाने में मदद मिलेगी, जिससे न सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को फायदा होगा।
चंद्रयान-2 से दुनिया को मिलेगी ये अहम जानकारी…
इसरो, चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-2 को उतारेगा। चांद के इस हिस्से के बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, खनिज तत्वों, उसके वायुमंडल की बाहरी परत और पानी की उपलब्धता की जानकारी इकट्ठी करेगा। इसरो का सबसे जटिल और अब तक का सबसे प्रतिष्ठित मिशन माने जाने वाले 'चंद्रयान-2' के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा। हालांकि कोई भी देश अब तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास यान नहीं उतार पाया है।