60-70 के दशक में रोने-धोने वाली फिल्में खूब पसंद की जाती थीं। इसमें जेठानी, सास या बिगड़ैल बहू को खलनायिका के तौर पर दिखाया जाता था। इन किरदारों को निभाने के लिए बिंदु परफेक्ट मानी जाती थी। हालांकि रियल लाइफ में वे अपनी बालकनी में जाने से भी डरती थी।